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समाज के उच्च आदर्श, मान्यताएं, नैतिक मूल्य और परम्पराएँ कहीं लुप्त होती जा रही हैं। विश्व गुरु रहा वो भारत इंडिया के पीछे कहीं खो गया है। ढून्ढ कर लाने वाले को पुरुस्कार कुबेर का राज्य। (निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/ अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें, संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 9999777358.

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बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Tuesday, January 28, 2014

स्वामी विवेकानंद जी के विचार (शिक्षा)-

स्वामी विवेकानंद जी के विचार (शिक्षा)-
 शिक्षा के बारे में स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर सकें, मनुष्य बन सकें, चरित्र गठन कर सकें और विचारों का सामंजस्य कर सकें, वही वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है। किन्तु आजादी के पश्चात् श्रेष्ठ शिक्षा के स्थान पर, आधुनिक शिक्षा के नाम पर पहले हमें मैकाले वादी शिक्षा ने केवल घर परिवार का बोझ ढोने योग्य ढर्रे से जोड़ा। फिर धीरे धीरे बाहरी जनसँख्या के दबाव में सीमित रोजगार व असंवेदनशील नेतृत्व ने रोजगार के अवसर भी छीन लिए। अराजकता की स्थिति बना कर शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्र द्रोहियों को स्थापित कर दिया। 
इसी का परिणाम है, आज तथा कथित NCERT राष्ट्रीय शिक्षा अनुसन्धान प्रशिक्षण परिषद् में देश की पीढ़ियों को अंधकार, अनैतिकता व अराजकता में धकेलने के साथ राष्ट्रिय मूल्यों व संस्कृति के प्रति असंवेदनशील बनाने के कुचक्र (अनुसन्धान) चल रहे हैं। किन्तु हर बात में नगाड़ा बजाने वाला मीडिया मौन है। 
क्या आप सहमत हैं ? YDMS (युदमीस) का शिक्षा दर्पण 2010 से इस विषय पर चेतना जगाने का कार्य कर रहा है, इस से जुड़ कर आप इस कार्य को गति दे, अभियान बना सकते हैं। विविध विषयों के 28 ब्लॉग हैं। 
नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे, तब पायें 
नकारात्मक बिकाऊ मीडिया का सकारात्मक राष्ट्रवादी व्यापक सार्थक विकल्प, युगदर्पण मीडिया समूह YDMS.
यदि आप भी मुझसे जुड़ना चाहते हैं, तो आपका हार्दिक स्वागत है, संपर्क करें औऱ अपने सम्पर्क सूत्र सहित बताएं, कि आप किस प्रकार व किस स्तर पर कार्य करना चाहते हैं, तथा कितना समय देना चाहते हैं ? आपका आभार अग्रेषित है। युग दर्पण प्रशंसक समूह YDPS -तिलक,
 संपादक युगदर्पण मीडिया समूह  09911111611, 07531949051

हमें, यह मैकाले की नहीं, विश्वगुरु की शिक्षा चाहिए |
आओ, मिलकर इसे बनायें; - तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक

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