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समाज के उच्च आदर्श, मान्यताएं, नैतिक मूल्य और परम्पराएँ कहीं लुप्त होती जा रही हैं। विश्व गुरु रहा वो भारत इंडिया के पीछे कहीं खो गया है। ढून्ढ कर लाने वाले को पुरुस्कार कुबेर का राज्य। (निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/ अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें, संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 9999777358.

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बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :
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Wednesday, October 2, 2013

नरेंद्र मोदी की दिल्‍ली रैली में हुंकार

Monday, September 30, 2013

 नरेंद्र मोदी की दिल्‍ली रैली में हुंकार

नरेंद्र मोदी की दिल्‍ली रैली में हुंकारजानिए क्‍या खास रहा नरेंद्र मोदी की दिल्‍ली रैली में नरेंद्र मोदी की दिल्‍ली रैली में, नरेंद्र मोदी एक ओर दिल्ली के नेता दूसरी ओर नितिन गडकरी व सिद्धू आदि 

नई दिल्‍ली। भाजपा के प्रधानमंत्री प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने दिल्‍ली में एक भारी जनसभा को संबोधित किया, जिसमें अधिकतर लोग युवा वर्ग से थे। इस रैली में मोदी का भाषण सुनने के बाद कांग्रेस के कई नेता हलकान हैं। किसी की बोलती नहीं निकल रही है। मोदी ने अपने डेढ़ घंटे के भाषण में क्‍या कहा, उसके मुख्‍य बिंदु हम आपके लिये लेकर आये हैं। दिल्‍ली में भाजपा के पास विजय ही विजय हैं। विजय मल्‍होत्रा, विजय गोयल, आदि।  दिल्‍ली में कई सरकारें चल रही हैं, कहीं मां की सरकार तो कहीं बेटे की सरकार। साझा सरकार गणित से बनती है, किन्तु चलती केमिस्‍ट्री से है। कांग्रेसी दल पास-पास तो हैं, किन्तु साथ-साथ कतई नहीं हैं। अफसोस होता है कि हमारे प्रमं सरदार हैं, किन्तु असरदार नहीं हैं। 

दिल्‍ली की मुमं का कार्य सबसे सरल है। वो मात्र रिबन काटती फिरती हैं। कुछ बड़ा हुआ तो जिम्‍मेदारी केंद्र की, छोटा हुआ तो नगर निगम की। कॉमनवेल्‍थ घोटाला करके कांग्रेसियों ने देश का आत्मसम्मान लूटा है। उसने खेलों के आयोजनों में हमारे आने वाले भविष्‍य को छीन लिया है। सुप्रीम कोर्ट लगातार कांग्रेसियों के विरुद्ध निर्णय सुना रहा है, किन्तु ये लोग शराबी की तरह नशे में चूर हैं। संप्रग इस समय गांधी भक्ति में व्‍यस्‍त है। नोटों पर छपे गांधीजी की पूजा कर रही है। 

आज का युवा नौकरी चाहता है। राजग ने 6 करोड़ लोगों को रोजगार दिया था, जबकि संप्रग ने मात्र 27 को रोजगार दिया है। प्रधानमंत्री ओबामा के सामने अपने देश की गरीबी की 'मार्केटिंग' कर रहे हैं। उन्‍हें शर्म आनी चाहिये। प्रमं उसी फिल्‍म निर्माता की तरह काम कर रहे हैं, जो भारत की गरीबी पर फिल्‍म बनाता है और विदेशों में बेच कर अवार्ड ले आता है। देश जानना चाहता है कि नवाज शरीफ से आज हमारे प्रमं क्‍या कहेंगे। 

नवाज शरीफ आपकी औकात क्‍या है। आपने हमारे प्रमं को देहाती औरत कैसे बोला। हम घर के अंदर चाहे जितना लड़ें, किन्तु बाहर वाला हमारे ऊपर उंगली उठाये, यह हम सहन नहीं करेंगे। क्‍या प्रमं नवाज शरीफ से सैनिकों के कटे हुए सिर ला पायेंगे। यदि प्रमं के सम्मान का फलूदा बन रहा है तो वो मात्र कांग्रेस के उपाध्‍यक्ष के कारण से। उन्‍होंने ही प्रमं की पगड़ी उछाली है। देश को अब 'डर्टी टीम' नहीं, 'ड्रीम टीम' की आवश्यकता है। संप्रग सरकार के पास कोई 'विजन' नहीं है। आप कोई भी बजट या योजना उठाकर देख लीजिये। 

मोदी को वर्षों से दो अंकों में गुजरात के आर्थिक विकास के साथ भाग्य बदलने का श्रेय दिया जाता है उसके गर्मजोशी से दिये भाषण सुनने के लिए उमड़े जन सैलाब में, उन लोगों ने मोदी का उत्साह पूर्वक स्वागत किया । कार्य क्रम में उपस्थित जनसमूह का एक बड़ा भाग उस वर्ग से था, जिसे सामान्यत भाजपा से काट कर देखा जाता है, अर्थात मुस्लिम व समाज के दलित  तथा युवा वर्ग तो दिविवि चुनाव में अभाविप के साथ खड़ा हो कर पहले ही प्रमाण दे चुका है। स्पष्टत:   कांग्रेस सभी वर्गों का विश्वास खो चुकी है तथा अब शीघ्र ही, दिग्विजय की श्रेणी के, कभी भी कुछ भी बक देने वाले वक्ता /प्रवक्ता हर ओर, हर बात के अर्थ का कुअर्थ बना कर देश का अनर्थ करने, सनसनी चेनलों व मीडिया में कूदते मिलेंगे। किन्तु नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक, व्यापक, विकल्प युग दर्पण मीडिया समूह, YDMS के पाठक जानते हैं, कि हमारे यहाँ ऐसी बकवास के लिए कभी कोई स्थान नहीं रहा है। क्योंकि हम किसी व्यक्ति, समूह या सत्ता के प्रति नहीं; राष्ट्र, समाज व सत्य के प्रति समर्पित हैं।  


विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया | इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक