प्रेम दो दिलों का मिलन है,
फिर इसका ढिंढोरा कैसा?
सड़क पे इसका प्रदर्शन होना,
आधुनिकता है या पशुओं जैसा;
विवाह पूर्व मिलन जो हो जाये,
तो पहली रात, नवउमंग कैसा।
उच्छृंखलता की आजादी मनालो!
आधुनिक विषबेल लगाने जैसा।।
किसी भी जात या भाषा में कहो, -
तिलक टिळक तिलक: তিলক تلک tilak ਤਿਲਕ તિલક ತಿಲಕ திலகமும் తిలక్ തിളക്
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है |
इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक