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समाज के उच्च आदर्श, मान्यताएं, नैतिक मूल्य और परम्पराएँ कहीं लुप्त होती जा रही हैं। विश्व गुरु रहा वो भारत इंडिया के पीछे कहीं खो गया है। ढून्ढ कर लाने वाले को पुरुस्कार कुबेर का राज्य। (निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/ अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें, संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 9999777358.

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बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Friday, August 29, 2014

संघ सृष्टि :- आइये, जाने।

संघ का उद्देश्य, आवश्यकता, कार्य एवं स्वरूप 
 -रा स्व सं RSS का विराट स्वरूप 
रा स्व सं के पूरे विश्व में 70 लाख स्वयंसेवक, प्रत्यक्ष जुड़े हैं तथा संघ परिवार (अनुषांगिक संगठन) के 17 करोड़ कार्यकर्त्ता इसे विश्व परिवार में एक वैश्विक स्वरूप प्रदान करते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, संघ के 98789 स्वयंसेवक मुसलमान  तथा 7689 ईसाई हैं। एक 'मुस्लिम राष्ट्रीय मंच' नमक संस्था राष्ट्रीय सोच के मुसलमानों में राष्ट्र व उनके हित में कार्य करती है। 
अपने इस विराट स्वरूप के साथ, समाज में कभी भी किसी आपदा के समय, आपात सहायता के लिए बनी सरकारी व्यवस्था ()से पूर्व संघ के स्वयं सेवक बड़ी संख्या में पहुंच कर अपना दायित्व निभाते मिलेंगे। सन 1962 में चीनी आक्रमण (तथा बाद में 65 व 71 युद्ध) में सेना की सामग्री आपूर्ति से लेकर शहरों की यातायात व्यवस्था तक इन कथित अर्ध सैनिक अनुशासित देश भक्तों ने की, जिसके कारण संघ का कट्टर विरोधी नेहरू भी 1963 की गणतंत्रता दिवस परेड में आमंत्रित कर, इन्हे सम्मानित करता है। जबकि इसी संघ पर गांधी हत्या का राजनैतिक व झूठा आरोप था। यह एक सर्वविदित तथ्य है। 
एक प्रश्न 125 करोड़ से -

चाहे बाड़ हो या सूखा, तूफान हो या भूचाल 
अथवा 1947 में पाकिस्तान में हुए हिंन्दू नरसंहार का बवाल। 
हम सुरक्षित रह सके, यह इन्ही का था कमाल, 
फिर भी हैं क्यों? ये आरोप के कटघरे में बस यही है मलाल।।
राहत और पुर्नवास संघ कि पुरानी परंपरा रही है। संघ ने 1971 के उड़ीसा चक्रवात और 1977 के आंध्र प्रदेश  चक्रवात में राहत कार्यों में महती भूमिका प्रत्यक्ष निभाई है। समय समय पर प्राकृतिक आपदाओं से घिरे समाज में सहायता के लिए बनी, सरकारी धन पर पली, सभी सरकारी तथा अर्ध सरकारी हो या गैर सरकारी संस्थाएं कैसे कार्य करती हैं यह किसी से छुपा नहीं है। राष्ट्रीय अस्तित्व और स्वाभिमान के प्रश्न पर तो सैन्य बलों के अतिरिक किसी अन्य से अपेक्षा ही नहीं की जा सकती।  तो ऐसे समय में सदा निस्संकोच त्वरित सहायता उपलब्ध होती रही है, इन्ही स्वयंसेवकों के सेवा भाव से।  सजग राष्ट्र प्रहरी का वास्तविक रूप यदि कोई है तो बस यही है! ..यही है!! ..यही है!!! ..
किन्तु तुष्टीकरण नीति के चलते, जिन्होंने शिवजी, प्रताप, लक्ष्मीबाई या सिख गुरु सहित आजाद, भगत सिंह, सुखदेब, राजगुरु, सावरकर के बलिदान नेताजी के स्थान पर, आडम्बरधारी राजनीति को पूजा है, आत्मघाती उन जैसा विश्व में नहीं दूजा है।  ऐसी व्यवस्था में संघ अपमानित तिरस्कृत या प्रताड़ित हुआ, तो कोई आश्चर्य नहीं: ऐसे समाज की रक्षा का किसी अन्य में है सामर्थ्य नहीं। 
स्पष्टतया, संघ राष्ट्ररक्षा व जागरण का संकल्प है। 
जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे, 
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राष्ट्ररक्षायाम उत्तिष्ठत जाग्रत, परित्राणाय साधुनाम विनाशाय
च: दुष्कृताम, अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानम सृज्याहम !! -तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक

Friday, August 22, 2014

आत्मविश्लेषण -भाईचारे के कैंसर का !

आत्मविश्लेषण -भाईचारे के कैंसर का ! 
वन्देमातरम,
उत्तिष्ठत पार्थ, उत्तिष्ठत जाग्रत; जागृति ही संस्कृति का बोध है।
इराक में सुन्नी आतंकी जिस प्रकार शियाओं का रक्तपात कर रहे हैं, उससे ये बातें स्पष्ट हैं कि
* जो मुस्लिम हो कर मुसलमानों का क्रूरता पूर्वक रक्तपात, महिला व अबोध बालकों के प्रति जघन्यतम अमानवीयता का व्यवहार कर रहे हैं, उ प्र सरकार व तथाकथित मानवतावादी पाखंडी इनके अपराधों को भाईचारे के नामसे कितना छुपा ले, सत्य मुजफ्फरनगर मुरादाबाद या बरेली का, ये छछूंदर लगाके भाईचारे का तेल चमेली का, छुपा नहीं सकते।
हिन्दू और शिया मुसलमान दोनों सहित सम्पूर्ण मानवता पर संकट है सुन्नी, ये जान ले हर मुन्ना मुन्नी। 
* जिनके अमानवीय आतंकी स्वरूप को जगत ये सारा जानता है, भारत भी इसे पहचानता है। ऑस्ट्रेलिया इन्हें इस रूपमे अस्वीकार कर चूका है। अमेरिका इतने विशाल देश में इन्हे एक कोना तक देने को तैयार नहीं, ऐसे शैतान का समर्थन, पालन व संरक्षण कैसा मानवतावाद है ? पाखंड है, राष्ट्रद्रोह है।
* सुन्नी आतंकीयों की अमानवीयता की दुर्गन्ध छिपाते, जो लगाके भाईचारे का तेल चमेली का, स्वयं को मानवतावादी कहने का छल करते है। सुन्नी आतंकीयों की अमानवीयता जानते हुए अनजान बनते हैं? एक ओर निरपराध हिन्दुओं के रक्तपात के उनके अपराधों के लिए हिन्दुओं को ही अपराधी का कलंक लगाकर दण्डित करना, दोहरा अत्याचार का अपराध करना है। ये पाखंडी स्वयं उनके अपराध के सहभागी बनते हैं।
* ऐसे मानवतावादी दो प्रकार के हैं: एक जो वामपंथी या मैकालेवादी, राष्ट्र के शत्रु हैं दूसरे काले अंग्रेज व शर्मनिरपेक्ष हिन्दू जो इनके 6 -7 दशकों के बनाये वातावरण (शिक्षा प्रचार व्यवस्था पर नियंत्रण द्वारा) से भ्रमित, गीता का उपदेश भूल चुके, इनका पक्ष लेते हैं।
* अंत में इनके समर्थक बताएं, मानवतावाद के नाम पर ऐसे अमानवीय शैतान का समर्थन, कर क्या आप मानवता की सेवा कर रहे हैं या विनाश ? कैंसर ग्रस्त अंश का उपचार रोकना या टालना पूरे शरीर को कैंसरमुक्त करना है या कैंसरयुक्त ? निर्णय आपका है परिणाम पूरे देश को भुगतना है।
इसका आत्मविश्लेषण करें, कहीं आपकी सोच, अनचाहे अनजाने में राष्ट्रघाती न बन जाये।
आओ भारत को सशक्त बनायें! अधिक से अधिक शेयर कर 125 करोड़ तक पहुंचाएं!!
उत्तिष्ठत अर्जुन, उत्तिष्ठत जाग्रत !! 
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"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है |
इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक

Tuesday, August 19, 2014

यह शिक्षा धर्मनिरपेक्ष है या शर्मनिरपेक्ष ?

यह शिक्षा धर्मनिरपेक्ष है या शर्मनिरपेक्ष ?
मुस्लिम व ईसाई धार्मिक शिक्षा दे सकते हैं किन्तु हिन्दू नहीं ?
संविधान की शर्मनिरपेक्ष धारा 30 एवं धारा 30 अ के अनुसार हिन्दू अपने विद्यालयों में भले 100% छात्र हिन्दू हो, धार्मिक अथवा नैतिक शिक्षा नहीं दे सकता। रामायण, महाभारत, उपनिषद यहाँ तक गीता भी नहीं पढ़ा सकते, किन्तु अल्पसंख्यक मदरसे और स्कूल (कान्वेंट) अपनी मजहबी शिक्षा दे सकते हैं, भले उसमे 99% हिन्दू हों अथवा 100% सरकारी सहायता, वेतन, संरक्षण प्राप्त हो किन्तु सरकारी हस्तक्षेप से पूर्णत: मुक्त होंगे। भले जिहाद की शिक्षा एवं आतंकवाद या अलगाववाद का राष्ट्रद्रोही अड्डा बन जाये ? 
यह धर्मनिरपेक्षता है या शर्मनिरपेक्षता? 
जागो और जगाओ! जड़ों से जुड़ें, विश्व कल्याणार्थ भारत को विश्व गुरु बनाऐं !!! 
आओ, इस देश की अस्मिता को भी बचाने का संकल्प लें ! मात्र सैन्य बल से ही नहीं, उनके प्रशिक्षण केंद्र बंद भी करें !!
आओ भारत को सशक्त बनायें! अधिक से अधिक शेयर कर 125 करोड़ तक पहुंचाएं!!
उत्तिष्ठत अर्जुन, उत्तिष्ठत जाग्रत !! 
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हमें, यह मैकाले की नहीं, विश्वगुरु की शिक्षा चाहिए।
आओ, जड़ों से जुड़ें, मिलकर भविष्य उज्जवल बनायें।। - तिलक
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Sunday, August 17, 2014

जन्माष्टमी की हार्दिक मंगलकामनायें !

जय श्री कृष्ण, 
अखिल विश्व में फैले समस्त सनातन भक्तों को (एकमात्र 16 कला सम्पूर्ण अवतार) श्री कृष्ण जन्माष्टमी की कोटि कोटि बधाई और हार्दिक मंगलकामनायें !
रोहिणी नक्षत्र में रात 12 बजे श्री कृष्ण का अवतरण होगा,  और शीघ्र ही कंस व जरासंध का नाश होगा। अत्याचारी अधर्मी कंस उ प्र पर सत्तासीन तथा उसके शर्मनिरपेक्ष समर्थक संरक्षक जरासंध। 

यहाँ से इडोनेसिया तक, जिनका इमान मूसल है वो मुसल मान हो कर भी, श्रद्धा अहिंसा व भारत भक्त सब जीवों के प्रति दयावान हों, हिंदू ही हैं। सांप्रदायिक यह नहीं, जिहादी सोच है।नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक
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Thursday, August 14, 2014

संकल्प, उनका तोड़ने का था इनका नहीं तोड़ने का!

राम सेतु को नहीं तोड़ने का संकल्प: केंद्र 
वन्देमातरम! माँ भारती के सभी पुत्रों को सर्वत्र स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें! सोच उज्जवल है भविष्य भी उज्जवल होगा। 
लोकसभा में प्रश्नकाल के मध्य, उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन सेतु समुद्रम के मुद्दे पर सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नई केंद्र सरकार का संकल्प दोहराया''हम किसी भी स्थिति में राम सेतु को तोड़ेंगे नहीं। राम सेतु को बचाकर देशहित में परियोजना हो सकती है, तो हम करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ''यह मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है और इसलिए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। उच्चतम न्यायालय में इस मुद्दे पर हम ऐसा सुझाव देंगे, जो सभी संबंधित पक्षों को मान्य होगा।’’ गडकरी ने कहा कि वह इसी माह इस मामले को देखने के लिए, तमिलनाडु का प्रवास करेंगे।
इस क्षेत्र को बड़े पोतों के परिवहन योग्य बनाने व तटवर्ती क्षेत्रों में मत्स्य और नौवहन बंदरगाह स्थापित करने के नाम पर केंद्र सरकार की परियोजना प्रस्तावित सेतुसमुद्रम, शिपिंग कैनाल प्रोजेक्ट, गत संप्रग काल की है। युगदर्पण की मान्यता है कि संप्र गठबंधन के ठगबंधन ने हिन्दू विरोधी मानसिकता के कारण धर्मनिरपेक्षता को शर्मनिरपेक्षता में बदलने के जो अनेकों प्रयास किये हैं, उन्ही के साथ एक रामसेतु को छलपूर्वक मिटाने का भी था। उच्चतम न्यायालय में रामसेतु सम्बन्धी शपथपत्र उसी मानसिकता का प्रमाण है। नई सरकार का रामसेतु को बचाने का संकल्प इनकी राष्ट्रभक्ति का। 
स्पष्टतया संप्रग एक ऐसी महिला का खिलौना था, जो बहु बन देश को लूटने -मिटाने आई थी प्रगतिशील नहीं, प्रगति को ग्रहण था; जबकि राजग -राष्ट्र जागरण का संकल्प है। 
इसी प्रकार नकारात्मक मीडिया भ्रम का भोम्पू है तो युग दर्पण भी राष्ट्र जागरण का संकल्प है। 
नकारात्मक मीडिया का सकारात्मक विकल्प युग दर्पण मीडिया समूह YDMS 
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक

Sunday, August 10, 2014

आप कैसा भारत चाहते हैं ?

आप कैसा भारत चाहते हैं ? 
आप अपनी आने वाली पीढ़ी को कौनसा भारत देना चाहते हैं? जब दारुल हरब और दारुल इस्लाम के नामसे वैश्विक निर्णायक युद्ध छेड़ा जाये आप कहें मैं युद्ध के विरुद्ध हूँ, तो क्या आप बच पाएंगे? आप कहें सबके खून का रंग एक है तो क्या रंग एकता का क्विक फिक्स है? डीएनए तो भिन्न है। क्या + ग्रुप के रक्त में - ग्रुप का रक्त चढ़ाया जा सकता है ? जहाँ युद्ध नियम से नहीं, किसी मूल्य पर विजय केंद्रित हो तब निष्क्रियता प्राण रक्षा नहीं आत्महन्ता बन जाती है। निर्णायक युद्ध का परिणाम हिन्दू भारत या इस्लामिक दोनों में से एक चुनना होगा तीसरा कोई विकल्प नहीं। 
जो हिन्दू मुस्लिम तर्क नहीं समझते ताश का फ़्लैश जानते हैं। आप खेल में बैठे सेक्युलर ढंग से कहते हैं मैं हारने जीतने के पक्ष में नहीं हूँ। अपने चक्र का बूट शायर डालना पड़ेगा, किसी भी गणित से खेल के अंत में हारा मिलेगा। 
अब निर्णय आपका है। हिन्दू भारत या इस्लामिस्तान ? गीता की कर्मण्यता अपनाएंगे या वामपंथियों की कुत्सित भ्रमित कर्मण्यता। क्योंकि इनका पाखंड तो अब खंड खंड होगा यह निश्चित है। 
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धर्मनिरपेक्ष संविधान या तालिबान ?

धर्मनिरपेक्ष संविधान या तालिबान ? 
धारा 30 (A) क्या आप इसे उचित मानते हैं ? 
क्या आप इस शर्मनिरपेक्ष अनुचित कुचक्र का समर्थन करते हैं।  क्या यह धर्मनिरपेक्षता के नाम पर भारत के इस्लामीकरण का गुप्त द्वार (चोरदरवाजा) नहीं है ? यह पूर्ववर्ती शर्मनिरपेक्ष सरकार का दिया तालिबानी कानून है। समानता के नामपर घोर भेदभाव कारक। 
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Saturday, August 9, 2014

आतंकवाद रक्षक -मानवतावादी पाखंड

आतंकवाद रक्षक -मानवतावादी पाखंड
वन्देमातरम,
जिन्दा हूँ के साँस अभी बाकि है ये मुहावरा क्या आपको वीरोचित लगता है ?
आशावाद आवश्यक है किन्तु जब उसमे पुरुषार्थ जुड़ा हो और पुरुषार्थ मन से आशा सहित ही परिणाम कारक होता है -ईश्वर पर विश्वास और पुरुषार्थ का संगम आवश्यक है। गीता के सन्देश 'कर्मण्ये वाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।' को स्मरण रखें -तिलक संपादक युगदर्पण।
विगत 700-800 वर्षों से, हमें भारत में बहुत कुछ विदेशी आक्रमणों के कारन झेलने को मिला है, किन्तु हम अभी भी बच गए है और गत 20 वर्षों में हमें पुनर्जीवित किया जा रहा है और इस प्रकार का विचार कई बार कहने सुनने में आता रहा है। दूसरी ओर तर्क यह भी है कि 2000 वर्ष पूर्व कोई ईसाई धर्म अथवा इस्लाम नहीं था जो आज 50 % हैं। केवल हिंदुत्व अथवा इसी के विस्तार में बौद्ध धर्म सम्पूर्ण एशिया में व्याप्त था या जैन भी हुए। भारत 80 % सिकुड़ कर मात्र 20 % रह गया है। और हम 2000 वर्ष पूर्व के गौरव के साथ वर्तमान के यथार्थ को भी समझें। विश्व के अनेक देशों हमारी संस्कृति के खंडहर हमारी गौरव गाथा आज भी गा रहे है (जब कि इस्लाम ने कई स्थानों पर उन्हें नष्ट भी किया है)।
हम 5000 वर्ष पुरानी सभ्यता हैं. क्योंकि हम अजेय भी रहे हैं और विश्व विजेता हम अपने शौर्य प्रक्रम के कारण थे किन्तु पराजितों को बार बार क्षमा दान देने वाले एक बार जयचंद अथवा छलपूर्वक पराजित किये जाने पर मर्दन का शिकार हुए। इसने हमारे गौरव का भी मर्दन कर दुष्ट वामपंथियों व मैकाले वादियों को यह अवसर प्रदान किया कि हमें हीनता का शिकार बना, भ्रम की स्थिति बनाने का कुचक्र रच सकें। विगत में शासक इसी स्थिति का या तो समर्थन करते रहे या रोकने में असफल रहे। विश्व गुरु और विश्व विजेता भारत विश्व कल्याण से अपने कल्याण में भी असमर्थ दिखा। अत: कथित मानवता वादी पाखंड से भ्रमित पौरुष त्याग चुके, हमारे आज की महाभारत के अर्जुन अकर्मण्यता का त्याग करें।
कल्पना यह करें कि जिस सोने की चिड़िया के पंख एक सहस्त्र वर्ष से आज तक (संप्रग की लूट सहित) नोचे जा रहे हैं उसका पूर्व रूप कैसा रहा होगा। कल्पना यह करें कि नालंदा तक्षशिला के विशाल ज्यान भंडार मुगलों ने जिनका अग्नि दहन किया। फिर भी उनका समर्थन करने में अपनों से लड़ते कथित मानवता वादी। इनके दबाव या भ्रम में जीवन की महाभारत के हमारे अर्जुन पौरुष त्याग, किस प्रकार जाने अनजाने चाहे अनचाहे विश्व कल्याणकारी संस्कृति को नष्ट कर रहे हैं। उत्तिष्ठत पार्थ उत्तिष्ठत जागृत
क्योंकि, हमारा गौरव पूर्ण इतिहास काल्पनिक नहीं है। अत: हम न तो पूर्व की कल्पनाओं में संकटों को अनदेखा करें, न इतिहास को नकार कर हीन भावना और भरें, आत्म मुग्ध या आत्म हन्ता बन संकट की अनदेखी, ये दोनों ही आत्म घाती है हानि कारक हैं। आंतरिक शक्तियों का संचय एवं संवर्धन कर, भारत फिर विश्व गुरु और विश्व विजेता बन हम विश्व कल्याण में अपनी भूमिका निर्धारित कर सकते हैं।आधुनिक ज्ञान विज्ञान से पुष्ट हमारा पौराणिक ज्ञान विज्ञान तथा नई ऊर्जा का संचय कर भारत के उज्जवल भविष्य का निर्माण हमारी स्वतंत्रता के अच्छे दिनों का सन्देश होगा।
जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे, 
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विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक

Friday, August 8, 2014

मानवतावादी पाखंडीयों कहाँ हो ?

मानवतावादी पाखंडीयों कहाँ हो ? 
ISIS के आतंकी की दुल्हन बनी, 7 वर्ष की एक अबोध, बालिका देवी के लिये पल भर के लिये आंखों मे अंगारे भरना तो दूर आंखें नाम भी नहीं होती, वैभवशाली कोठी के वातानुकूलित कमरो मे मानवतावाद के पाखंडी शर्मनिरपेक्ष सेकुलरों की ..? भगवान न करे, ये भी ऐसे ही किसी दरिन्दे के साथ अपने घर की किसी देवी को स्वयं अपने हाथ से सजा सवार कर भेजने एवं इन्ही आंखो से अश्रु बहाने के लिये बाध्य हो ... अन्यथा कोई एक बहन बेटियोंवाला मुझे गारंटी दे कि बहुत शीघ्र ही ये दृश्य उसके घर मे नही दिखेगा ..
जब नकारात्मक बिकाऊ मैकालेवादी, मीडिया जनता को भ्रमित करे, तब पायें; शर्मनिरपेक्ष मीडिया का सकारात्मक राष्ट्रवादी व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प, - आओ मिलकर देश बचाएं ! पत्रकारिता व्यवसाय नहीं, एक पुनीत संकल्प है। इस देश को लुटने से बचाने हेतु तथा विश्व कल्याणार्थ, जड़ों से जुड़ें युगदर्पण के संग। विविधता, व्यापकता व राष्ट्रवाद के लेखन सहित: युगदर्पण मीडिया समूह YDMS में विविध विषय के 30 ब्लाग, 5 चेनल, orkut, FB, ट्वीटर etc तथा कई समूह, समुदाय एवं पेज भी है।
युगदर्पण राष्ट्रीय हिंदी साप्ताहिक समाचारपत्र (2001) पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार सम्पूर्ण समाचार।  
युगदर्पण मीडिया समूह YDMS - तिलक संपादक 7531949051, 9911111611
जीवन ठिठोली नहीं, जीने का नाम है |
जो शर्मनिरपेक्ष, अपने दोहरे चरित्र व कृत्य से- देश धर्म संस्कृति के शत्रु;
राष्ट्रद्रोह व अपराध का संवर्धन, पोषण करते। उनसे ये देश बचाना होगा। तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक

Thursday, August 7, 2014

मानवतावाद का चोला ?

मानवतावाद का चोला ? सही लगे तो शेयर कर
125 करोड़ तक पहुचाएं।
वन्देमातरम, (कृ ध्यान से पूरा पढ़ें तथा अंतरात्मा से सही निर्णय लें।)
यदि बात सबकी भावनाओं का सम्मान करने की है ?
सर्व पंथ समादर तो हिन्दू चरित्र में है। तभी स्वतंत्रता के बाद अन्यों का काल्पनिक भय दिखा कर भारत को धर्म निरपेक्ष बनाने के प्रस्ताव को सहज स्वीकार लिया गया। फिर धर्म निरपेक्षता की विकृत परिभाषा से हिंदुत्व को कुचलने व राष्ट्रद्रोहियों का समर्थन करने का नया मुखौटा बना मानवतावाद। जबकि एक सच्चा मानवतावाद हिंदुत्व में युगों युगों से निहित है। आचरण में है। मानवतावाद का आडम्बर; जिनका समर्थन करता है; उनका चरित्र उतना ही दोगला है; जितना मानवतावाद के पाखंडियों का। जिहादियों के छींकने से इन्हे बुखार हो जाये, क्या वे राष्ट्रद्रोहियों से किसी प्रकार काम है?
  किन्तु आधी सदी और 3 पीढ़ियों को मानवतावाद के नाम से हिन्दू विरोधी होने पर गर्व करना सिखाया गया। इसी के चलते कथित 'एलीट' शान से मानवतावाद का चोला ओढ़े हिन्दू को सांप्रदायिक कहने में तथा जिहादियों के समर्थन में जाने -अनजाने राष्ट्रद्रोहियों के पापों का सहभागी बनता है।
क्या अब भी आप स्वयं को मानवतावादि तथा हिन्दू साम्प्रदायिकता (जो हमारी संस्कृति को नष्ट करने अपसंस्कृति फ़ैलाने का कुचक्र है) जैसे भ्रम जनित सम्बोधन त्यागना नहीं चाहेंगे ?
जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे,  तब पायें - नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक  व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प- युगदर्पण मीडिया समूह YDMS
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विश्व कल्याणार्थ भारत को विश्व गुरु बनाओ !!!     যুগ দর্পণ, યુગ દર્પણ  ਯੁਗ ਦਰ੍ਪਣ, யுகதர்பண  യുഗദര്പണ  యుగదర్పణ  ಯುಗದರ್ಪಣ, يگدرپयुग दर्पण:,  yugdarpan
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक

Tuesday, August 5, 2014

सरकार और प्रभाव

सरकार और प्रभाव 
विश्व बैंक में कार्य कर चुके 'ममोसिं' की सरकार विश्व बैंक से ऋण मांगती थी तो मना किया जा रहा था किन्तु मोदी की सरकार को विश्व बैंक स्वयं ऋण देने को उत्सुक है; क्यों?
वह सरकार 6 माह का ब्याज नहीं दे रही थी, आज 2 माह का अग्रिम ब्याज दे चुके हैं। 
उनके शासन में हिंदी व हिन्दुओं का तिरस्कार होता था, अब सम्मान दिया जाता है। 
वे ज्यारत पर चद्दर चढ़ा रोज़ा खोल नेता देश के लुटेरे थे, यह भारत माँ का सेवक बन तथा संसद का सम्मान मंदिर सा और हिन्दू मंदिरों को सम्मान के नए युग का सूत्रपात करने वाला है। प्राकृतिक आपदा से निपटना तथा उसमे भी स्थिति नियंत्रण के अद्भुत कौशल से युक्त नेतृत्व में आशा के बीच निराशा फैलाकर, असंतोष अव्यवस्था का कुचक्र करना राष्ट्र द्रोह है। 
भ्रम फ़ैलाने के ऐसे कुचक्र में पारम्परिक नकारात्मक बिकाऊ मीडिया की भूमिका शर्मनिरपेक्षता पूर्ण है।
अच्छे दिनों का क्या कहना अब वो तो निश्चित ही आएंगे 
और इस विश्व गुरु भारत का मान भी जग भर में बढ़ाएंगे। 
यह देश, धर्म, समाज और भाषा अब न तिरस्कृत होने देंगे! 
देश की जड़ों से जुड़के रहेंगे और युगदर्पण के साथ चलेंगे !!
সরকার ও প্রভাব, સરકાર અને અસરો, ਸਰਕਾਰ ਅਤੇ ਪਰਭਾਵ, حکومت اور اثرات सरकार आणि प्रभाव, ಸರ್ಕಾರ ಮತ್ತು ಪರಿಣಾಮಗಳು, அரசு மற்றும் விளைவுகள்,  ప్రభుత్వం మరియు ప్రభావాలు, सरकार र प्रभावहरु, Government and Effects
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
 योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक

Monday, August 4, 2014

राष्‍ट्रमंडल खेल 2014 में भारत के 64/65पदक

राष्‍ट्रमंडल खेल 2014 में भारत के पदक 
राष्‍ट्रमंडल खेल 2014 के 10वें और 11वें  दिन, भारत ने 13 पदक (2 स्‍वर्ण, 7 रजत और 4 कांस्‍य) जीते। पदक विजेताओं के नाम इस प्रकार है: भारत 64 पदक जीत चुका हैजिसमें 15 स्‍वर्ण30 रजत और 19 कांस्‍य पदक हैं (+1 कांस्‍य अतिरिक्त) कुल 65 

क्र. सं.
खिलाड़ी का नाम
प्रतियोगिता 
पदक 
1.
जोशना चिनप्‍पा/दीपिका पल्‍लीकल
स्‍क्‍वाश  (महिला युगल)
स्‍वर्ण
2.
देवेंद्रो लेशराम
बॉक्सिंग लाइट वेट (49किलोग्राम)
रजत
3.
लेशराम देवी
बॉक्सिंग लाइट वेट (57-60 किलोग्राम)
रजत
4.
मनदीप जांगरा
बॉक्सिंग वेल्‍टर वेट – (69किलोग्राम)
रजत
5.
विजेंद्र सिंह
बॉक्सिंग मिडल वेट (75किलोग्राम)
रजत
6.
राजेंद्र राहेलू
भारोत्‍तोलन  (हैवीवेट)
रजत
7.
पी वी सिंधू
बैडमिंटन  (महिला एकल)
कांस्‍य
8.
आर वी गुरूसाईदत्‍त
बैडमिंटन  (पुरूष एकल)
कांस्‍य
9.
शकीना खातून
भारोत्‍तोलन (लाइटवेट)
कांस्‍य
10.
अर्पिंदर सिंह
एथलेटिक्‍स (ट्रिपल जम्‍प)
कांस्‍य
11.
कश्‍यप पारूपल्‍ली
बैडमिंटन  (पुरूष एकल)
स्‍वर्ण
12.
अश्‍वनी पोन्‍नाअप्‍पा/ज्‍वाला गुप्‍ता
बैडमिंटन  (महिला एकल)
रजत
13.
सादर सिंह/अक्षदीप सिंह/बिरेंद्र लाकर/चिंगलेनसाना कंगूजम/चंदाना निक्किन/थिम्‍मइया/दानीश मुज्‍तबा/धर्मवीर सिंह/गुरविंदर चांडी/गुरबाज सिंह/कोठाजीत खादंगबाम/मनप्रीत सिंह/श्रीजस पारात्‍तू रवींद्नन/रूपिंदर सिंह/रमन‍दीप सिंह/सुनील सोमारपेट वितालाचार्य/ रघुनाथ वोक्‍कालिगा रामचंद्र  
हॉकी पुरूष
रजत
01.8.14 के 4 पदक (3 रजत तथा 1+1* कांस्‍य) वि‍जेताओं के नाम के नाम इस प्रकार है: 
क्रम संख्‍या
खि‍लाड़ी का नाम
खेल
पदक

1.
अमलराज एंथनी अरपुथराज/शरथ कमल अचन्‍ता
टेबल टेनि‍स (मेन्‍स डबल)
रजत
2.
सीमा पुनि‍या
एथलेटि‍क्स (चक्‍का फैंक)
रजत
3.
संतोषी मतसा#
भारोत्तोलन (52कि‍लोग्राम)
रजत
4.
पिंकी रानी
बाक्‍सि‍गं-भार – (48-51कि‍लोग्राम)
कांस्‍य
5.
स्‍वाति‍सिंह*
भारोत्तोलन (52कि‍लोग्राम)
कांस्‍य
31 जुलाई, 2014 के 6 पदक (3 स्‍वर्ण, 1 रजत और 2 कांस्‍य) पदक विजेताओं के नाम इस प्रकार है :
 क्र. सं.
खिलाड़ी का नाम
प्रतियोगिता
पदक 
1.
बबीता कुमारी
कुश्‍ती  (फ्रीस्‍टाइल5किलो (महिला)
स्‍वर्ण
2.
योगेश्‍वर दत्‍त
कुश्‍ती  (फ्रीस्‍टाइल65 किलो (पुरूष)
स्‍वर्ण
3.
विकास शिवे गौड़ा
एथलेटिक्‍स (डिस्‍कस थ्रो)(पुरूष)
स्‍वर्ण
4.
गीतिका जाखर
कुश्‍ती  (फ्रीस्‍टाइल63 किलो (महिला)
रजत
5.
दीपा करमाकर
जिमनास्टिक (वाल्‍ट) (महिला)
कांस्‍य
6.
पवन कुमार
कुश्‍ती (फ्रीस्‍टाइल86 किलो(पुरूष)
कांस्‍य
30 जुलाई2014 को भारत ने 5 पदक ( 4 रजत और कांस्‍य) जीते। पदक विजेताओं के नाम इस प्रकार है : 
 क्र. सं.
खिलाड़ी का नाम
प्रतियोगिता
पदक
1.
बिजनीस बजरंग
कुश्‍ती  (फ्रीस्‍टाइल) 61 किलो (पुरूष))
रजत
2.
ललिता
कुश्‍ती  (फ्रीस्‍टाइल) 53 किलो (महिला)
रजत
3.
सत्यव्रत काडियन
कुश्‍ती (फ्रीस्‍टाइल) 97 किलो(पुरूष)
रजत
4.
साक्षी मलिक
कुश्‍ती (फ्रीस्‍टाइल) 58 किलो (महिला)
रजत
5.
नवजोत
कुश्‍ती (फ्रीस्‍टाइल) 58 किलो (महिला)
कांस्य
29 जुलाई, 2014 को भारत ने 10 पदक (3 स्‍वर्ण, 3 रजत और 4 कांस्‍य) जीते। 29 जुलाई, 2014 के पदक विजेताओं के नाम इस प्रकार है:
 क्र. सं.
खिलाड़ी का नाम
प्रतियोगिता
पदक
1.
विनेश
कुश्‍ती  (फ्रीस्‍टाइल) 48 किलो (महिला)
स्‍वर्ण
2.
सुशील कुमार
कुश्‍ती  (फ्रीस्‍टाइल) 74 किलो (पुरूष)
स्‍वर्ण
3.
अमित कुमार
कुश्‍ती (फ्रीस्‍टाइल) 57 किलो(पुरूष)
स्‍वर्ण
4.
संजीव राजपूत
50 मीटर राइफल 3 पोजीशन (पुरूष)
रजत
5.
हरप्रीत सिंह
25 मीटर  रैपिड फायर पिस्‍टल
रजत
6.
राजीव तोमर
कुश्‍ती (फ्रीस्‍टाइल) 125 किलो(पुरूष)
रजत
7.
गंगन नारंग
50 मीटर राइफल 3 पोजीशन (पुरूष)
कांस्‍य
8.
लज्‍जा गोस्‍वामी
50 मीटर राइफल 3 पोजीशन (महिला)
कांस्‍य
9.
मानवजीत सिंह
ट्रैप (पुरूष)
कांस्‍य
10.
चंद्रकांत माली
भारोत्‍तोलन 94 किलो
कांस्‍य
28 जुलाई, 2014 के 4 पदक (01 स्‍वर्ण, और 03 रजत) विजेता ???
27 जुलाई, 2014 को भारतीय खिलाडि़यों ने 5 पदक (एक स्‍वर्ण, दो रजत और दो कांस्‍य) जीते। पदक विजेता खिलाडियों के नाम इस प्रकार हैं -
क्रम संख्‍या
 खिलाड़ी
स्‍पर्धा
पदक
1.
सतीश शिवालिंगम
77 किलोग्राम भारोत्‍तोलन   (पुरूष)
स्‍वर्ण
2.
रवि कतूलू
77 किलोग्राम भारोत्‍तोलन (पुरूष)
रजत
3.
श्रेयसी सिंह
डबल ट्रेप (महिला)
रजत
4.
असाब मोहम्‍मद
डबल ट्रेप  (पुरूष)
कांस्‍य
5.
पूनम यादव
63 किलोग्राम भारोत्‍तोलन (महिला)
कांस्‍य
26 जुलाई 2014 को भारत ने सात पदक (2 स्‍वर्ण, 3 रजत और 2 कांस्‍य) जीते। पदक विजेताओं के नाम इस प्रकार हैं-  
 क्र.स.
खिलाड़ी का नाम
खेल स्‍पर्धा
पदक
1.
अपूरवी चंदेला
10 मीटर एयर राइफल (महिला)
स्‍वर्ण
2 .
राही सरनोबत
25 मीटर पिस्‍टल  (महिला)
स्‍वर्ण
3.
अयोनिका पाल
10 मीटर एयर राइफल (महिला)
रजत
4.
अनीसा सैयद
25 मीटर पिस्‍टल  (महिला)
रजत
5.
प्रकाश नन्‍जप्‍पा
10 मीटर एयर राइफल (पुरूष)
रजत
6.
ओंकार ओटारी
69 किलोग्राम वेटलिफ्टिंग (पुरूष)
कांस्‍य
7.
राजविंदर कौर
78+ किलोग्राम जूडो (महिला)
कांस्‍य
केन्‍द्रीय कौशल विकासउद्यमिता, युवा मामले और खेल मंत्री श्री सर्बानंदा सोनवाल ने 25 जुलाई 2014 के सभी 03 पदक विजेताओं को बधाई दी है। कुल 10 पदक (03 स्‍वर्ण, 04 रजत और 03 कांस्‍य) जीते हैं। 
दूसरे दि‍न (संतोषी मत्साह) इन्‍होंने कांस्‍य पदक जीता था किंतु नाईजीरि‍या की अमलाहा की डौप जांच द्वारा 1 अगस्त को असफल घोषित कर इन्‍हें रजत पदक तथा 4 स्थान पर रहे स्वाति सिंह को कांस्‍य पदक मि‍ला। 
राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ग्‍लासगो में हो रहे 20वें राष्‍ट्रमंडल खेलों के शुरूआती दिन ही 24 जुलाई 2014 को भारत ने सात पदक भारोत्‍तोलन और जूडो में पदक जीतने वालों को बधाई दी है। 
राष्‍ट्रपति ने संजीता खुमुकचम, सुखेन डे, नवजोत चाना, सुशीला लिक्‍माबम, मीराबाई एस चानू, कल्‍पना थोडम और गणेश माली को वैयक्तिक रूप से भेजे संदेश में कहा कि देश का झंडा ऊँचा करने वालों को वह बधाई देते हैं। ये खिलाड़ी भविष्‍य में और बेहतर प्रदर्शन करें, इसके लिए शुभकामनाएं।     
 राष्‍ट्रमंडल खेलों के 11वें अंतिम दिन तक भारत 64 पदक जीत चुका हैजिसमें 15 स्‍वर्ण30 रजत और 19 कांस्‍य पदक हैं। 
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है |
इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक