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समाज के उच्च आदर्श, मान्यताएं, नैतिक मूल्य और परम्पराएँ कहीं लुप्त होती जा रही हैं। विश्व गुरु रहा वो भारत इंडिया के पीछे कहीं खो गया है। ढून्ढ कर लाने वाले को पुरुस्कार कुबेर का राज्य। (निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/ अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें, संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 9999777358.

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बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :
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Sunday, December 22, 2013

भारत में साम्प्रदायिक समन्वय और शान्ति का महामन्त्र -

भारत में साम्प्रदायिक समन्वय और शान्ति का महामन्त्र -
क्या भारत के सर्वसाधारण मुसलमान का ईमान इनके जैसा हो सकता है? 
शहीद अशफाक उल्लाह खान, शहीद कै अब्दुल हमीद अथवा पू राष्ट्रपति डा अब्दुल कलाम! 
शहीद अशफाक उल्लाह खान (देश हित बलिदान हुए एक क्रन्तिकारी) जी के अंतिम शब्द "जाऊँगा खाली हाथ मगर ये दर्द साथ ही जायेगा, जाने किस दिन हिन्दोस्तान आज़ाद वतन कहलायेगा? बिस्मिल हिन्दू हैं कहते हैं "फिर आऊँगा, फिर आऊँगा, फिर आकर के ऐ भारत माँ तुझको आज़ाद कराऊँगा". जी करता है मैं भी कह दूँ पर मजहब से बंध जाता हूँ, मैं मुसलमान हूँ पुनर्जन्म की बात नहीं कर पाता हूँ; हाँ खुदा अगर मिल गया कहीं अपनी झोली फैला दूँगा, और जन्नत के बदले उससे एक पुनर्जन्म ही माँगूंगा." 
शहीद कै अब्दुल हमीद (जुलाई 9, 1933 - सितम्बर 10, 1965खेमकरण सेक्टर में पाकिस्तान के अभेद्य पैटन टैंकों को ध्वस्त कर विजय पताका फहराने वाले अदम्य साहसी देशभक्त ने लड़ते हुए 32 वर्ष की आयु में ही अपने प्राणों को देश पर न्यौछावर कर दिए। 1954 में सैनिक भर्ती होकर घुसपैठियों को मजा चखाते, जब आतंकवादी डाकू इनायत अली को पकड़वाया तो प्रोन्नति में लांसनायक बने। मरणोपरांत परमवीरचक्र व कैप्टन  प्रोन्नति दी गई। 
 पू राष्ट्रपति डा अब्दुल कलाम! जो वर्त्तमान पीढ़ी के आदर्श व महानायक हैं।  सभी सुपरिचित हैं। 
महाप्रश्न -क्या इस देश का सर्वसाधारण मुसलमान, इन्हें आदर्श व महानायक मान कर व्यवहार कर सकता है।  विशेषकर कथित उन भाजपा विरोधी, शर्म निर्पेक्ष खेमों से जुड़ा तो कदापि नहीं।  जिनके मार्गदर्शक ही घोर हिन्दुविरोधी वोटबैंक के ठेकेदार हों। बिकाऊ नकारात्मक मीडिया का राष्ट्रवादी सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प - तिलक सम्पादक -युगदर्पण मीडिया  समूह YDMS.
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक