Saturday, September 29, 2012
अन्ना और रामदेव में अंतर
अन्ना और रामदेव में अंतर
मेरे एक मित्र ने अन्ना और रामदेव के आन्दोलन को एकसा बताते कहा, अन्ना का खेल ख़त्म पहले ही हो चुका था| आज रामदेव का खेल भी ख़त्म हो गया| देश वैसे ही चलता रहेगा, जैसे चलता आ रहा है| हंस दाने चुगते रहेंगे और कौवे मोती खाते रहेंगे| अन्ना कहते थे कि "जब तक प्राण हैं लडूंगा", क्या हुआ? बाबा रामदेव को भी, जब सरकार ने कोई अहमियत नहीं दी तो, उन्होंने ने भी ड्रामा ख़त्म करने में ही अपनी भलाई समझी|
जैसा की मैं पहले भी कहता रहा हूँ , अन्ना और रामदेव में अंतर है| ऐसा भी कह सकते हैं, अंतर है उनके आन्दोलन में| एक किरण बेदी को छोड़, पाखंडियों का गिरोह था| मुद्दा भी लोकपाल बिल का पाखंड था, खंड खंड हो गया| दूसरा रामदेव और मुद्दा ठीक थे| लूट का पैसा देश का है, देश में वापस आना चाहिए| इसीने शासकों के पसीने निकाले, तो रामदेव पर दुधारी चलाई गई| एक सामानांतर अन्ना को उठाया, फिर राम लीला मैदान में रावण लीला रची गई|! आज तक शत्रु सेना भी रात को वार नहीं करती, सोते हुए नृशंसता की सीमा पर की गई| जिस अन्ना को झाड़ पर चडाया था, मिशन रावण लीला के बाद उसे भी झाड़ से गिरा दिया गया| मीडिया ने अन्ना के आन्दोलन को उठाया था, रामदेव के आन्दोलन को दबाने में सरकार को सहयोग किया था ! यह है कथित आज़ादी के आजाद मीडिया का सत्य | तिलक ,
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया !
इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है,
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था,
आज भी इसमें वह गुण,योग्यता व क्षमता विद्यमान है!
आओ मिलकर इसे बनायें- तिलक 9911111611. www.yugdarpan.com
Tuesday, September 18, 2012
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश:
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश: ज्ञान और समृद्धि के दाता, भगवान गणेश के जन्म दिन पर, जो भाद्रपद शुक्ल पक्ष के चौथे दिन मनाया जाता है l गणेश चतुर्थी के उत्सव के पाँच, सात या दस दिनों तक होते है l कुछ लोग बीस दिनों तक भी मानते है, किन्तु सबसे लोकप्रिय पर्व दस दिन मनाया जाता है l दाहिने हाथ पथ की परंपरा में पहला दिन सबसे महत्वपूर्ण है l बाएं हाथ पथ परंपरा में अंतिम दिन सबसे महत्वपूर्ण है l
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया ! इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है- तिलक
गणेश बुद्धि और समृद्धि के देवता है और इस नाते हिंदुओं द्वारा किसी भी शुभ काम का शुभारम्भ श्री गणेश जी की साक्षी में किया है l यह माना जाता है कि आकाँक्षाओं की पूर्ति के लिए उनके आशीर्वाद नितांत आवश्यक है l पौराणिक कथाओं के अनुसार, वह शिव और पार्वती के पुत्र, उनके भाई बहन है, कार्तिकेय - देवताओं के मुखिया, लक्ष्मी धन की देवी और सरस्वती विद्या की देवी l जिसका वाहन मूषक या चूहा और जिसे मोदक (छोटी बूंद के लड्डू) प्रिय है l हिंदू पौराणिक कथाओं में कई कहानियाँ, हाथी की सूंड में इस भगवान के जन्म के साथ जुड़ हैं l
किंवदंती है कि पार्वती स्नान के लिए जाती, बाहर चंदन की लोई का पुतला बना, उसमे प्राण संचार करा, बैठा देती l एक दिन जब उसके पति, शिवजी लौटे, एक अपरिचित बालक ने उन्हें रोक दिया l शिवजी ने बच्चे का सिर काटा और घर में प्रवेश किया l पार्वती, यह जानकर कि उसका बेटा मर गया, व्याकुल हो गई और शिवजी से उसे पुनर्जीवित करने के लिए कहा l शिवजीने एक हाथी का सिर काटा और यह गणेश के शरीर पर लगा दिया l
गणपति गणेश की विशेषताएं:- एक और किंवदंती है कि कैसे एक दिन देवताओं ने अपने नेता को चुनने का निर्णय किया और एक दौड़ भाई कार्तिकेय और गणेश के बीच आयोजित की गई l जो कोई भी पृथ्वी के 3 परिक्रमा पहले ले लिया, गणाधिपति या नेता माना जाएगा l कार्तिकेय अपने वाहन के रूप में एक मोर पर बैठा, गणेशजी के पास एक फुदकता चूहा है l गणेश जी को आभास हुआ कि परीक्षण सरल नहीं था, किन्तु वह अपने पिता की अवज्ञा नहीं करे l यह सोच अपने माता पिता के प्रति आदर व श्रद्धा का भाव रखते हुए और उनके चारों ओर 3 बार प्रदक्षिणा लगाई l इस तरह कार्तिकेय से पहले परीक्षण पूरा हो गया है l उन्होंने कहा, "मेरे माता पिता, पूरे ब्रह्मांड में व्याप्त है और उनकी प्रदक्षिणा, पृथ्वी की प्रदक्षिणा से अधिक है l" हर किसी को गणेश के तर्क और बुद्धि चातुर्य से सुखद आश्चर्य था और इसलिए उन्हें गणेश, गणाधिपति या नेता, अब गणपति के रूप में जाना जाता है l
गणेश चतुर्थी समारोह
गणेश चतुर्थी का त्योहार महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश और भारत के कई अन्य भागों में मनाया जाता है l छत्रपति शिवाजी महाराज, महान मराठा शासक, द्वारा संस्कृति और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था l पश्चिमी शासन के विरुद्ध लोगों को प्रेरित करने, राजनीतिक नेता जो भाषण दिया करते थे, ब्रिटिश ने सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था l इस की पृष्ठभूमि में लोकमान्य तिलक (स्वतंत्रता सेनानी) ने स्वतंत्रता संग्राम के संदेश का प्रसार के लिए, त्योहार को एक सार्वजानिक रूप देकर, भारतीय एकता का अनुभव कर दिया और उनकी देशभक्ति की भावना और विश्वास को पुनर्जीवित किया l यह सार्वजनिक त्योहार इतना लोकप्रिय है कि तैयारी महीनों पहले शुरू हो जाती हैं l
घरों और सड़क के किनारों में, और गणेश प्रतिमा स्थापित में, व्यापक प्रकाश व्यवस्था, सजावट, दर्पण और फूलों की व्यवस्था कर रहे हैं l पूजा, प्रार्थना (सेवाएं) दैनिक प्रदर्शन कर रहे हैं l कलाकारों जो गणेश की मूर्तियां और अधिक भव्य 10 मीटर से 30 मीटर की ऊंचाई में कर और सुरुचिपूर्ण मूर्तियों बनाने में, एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं l इन मूर्तियों को फिर से सजाया तथा एक, तीन, पांच, सात और दस दिनों के बाद हजारों लोगों के जुलूस द्वारा नगाड़े की थाप, भक्ति गीत और नृत्य के साथ पवित्र मूर्तियों को समुद्र में विसर्जित किया जाता है l समुद्र तट पर एकाग्र करने के लिए समुद्र में विसर्जित कर देते हैं l समारोह, गणेश महाराज की जय! " (गणेश भगवान की जय). "गणपति बप्पा मोर्य, पुडचा वर्षी लॉकर फिर" (भगवान की जय हो गणेश, जल्द ही फिर से, अगले साल वापसी के मंत्र के साथ, अगले साल वापसी की प्रार्थना के साथ, समाप्त होता है l युग दर्पण मिडिया समूह विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया ! इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है- तिलक
Wednesday, August 29, 2012
मेले कई प्रकार के होते है:
मेले कई प्रकार के होते है: जीवन के मेले में ख़ुशी और गम, कभी मिलते हैं सनम कभी सितम,...
देश में भी कई प्रकार के मेले लगते हैं, कई प्रकार का सामान बिकता है जिसे हम खरीद कर ले जाते हैं अपने घर,.. कभी धार्मिक सांस्कृतिक मेले लगते हैं कभी व्यावसायिक मेले लगते हैं , कोई आवश्यक वस्तुओं का मेला तो कभी सजावट की वस्तुओं का मेला......
किन्तु वो मेले याद रखने के लिए नहीं होते, यादगार मेले 2 ही हैं एक आज़ादी से पहले लगा था शहीदों का, एक अब लगा है गद्दारों और लुटेरों का !.....
वतन पे मिटने वालों को शासन थमाया जो होता, राष्ट्र भक्तों को दिल में बसाया होता; तो ऐसा दिन कभी आया न होता, गद्दारों का मेला यूँ सजाया न होता ! .....वन्देमातरम
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया !
इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है- तिलक
देश में भी कई प्रकार के मेले लगते हैं, कई प्रकार का सामान बिकता है जिसे हम खरीद कर ले जाते हैं अपने घर,.. कभी धार्मिक सांस्कृतिक मेले लगते हैं कभी व्यावसायिक मेले लगते हैं , कोई आवश्यक वस्तुओं का मेला तो कभी सजावट की वस्तुओं का मेला......
किन्तु वो मेले याद रखने के लिए नहीं होते, यादगार मेले 2 ही हैं एक आज़ादी से पहले लगा था शहीदों का, एक अब लगा है गद्दारों और लुटेरों का !.....
वतन पे मिटने वालों को शासन थमाया जो होता, राष्ट्र भक्तों को दिल में बसाया होता; तो ऐसा दिन कभी आया न होता, गद्दारों का मेला यूँ सजाया न होता ! .....वन्देमातरम
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया !
इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है- तिलक
Tuesday, August 14, 2012
शर्म निरपेक्ष मीडिया और विकल्प
शर्म निरपेक्ष मीडिया और विकल्प
विपरीत वातावरण से इतने हताश होकर सोचते है, कि क्या इसका कोई विकल्प नहीं ? किन्तु हल इतना पास होता है और हम देख नहीं पाते, जैसे बगल में छोरा शहर में ढिंढोरा ? सोच कर देखें, यदि कार्टूनिस्ट असीम एक कम्युनिस्ट न होते.... तो क्या राष्ट्रीय मीडिया, इतनी हाय-तौबा मचाता ?
आखिर, गिरफ्तारी के समय ही, ये सब वामपंथी, अपने आपको देशभक्त क्यों सिद्ध करते हैं .....?
ॐ
वन्देमातरम, कई बार
कार्टूनिस्ट असीम के साथ जो हुआ, वो अन्यायपूर्ण है... परन्तु प्रश्न ये है, कि जीवन पर्यन्त देशद्रोह और राष्ट्र-विभाजन की नीतियों पर चलने की शिक्षा पाने और प्रचार करने वाले ये लोग, गिरफ्तारी के समय मीडिया के सामने, देशप्रेमी देशभक्त कैसे बन जाते हैं ?
याद कीजिये बिनायक सेन को .. बिनायक सेन को भी मीडिया ने, देशभक्त बना कर ही दिखाया था lआखिर, गिरफ्तारी के समय ही, ये सब वामपंथी, अपने आपको देशभक्त क्यों सिद्ध करते हैं .....?
मोमबत्ती ब्रिगेड की मानसिकता, तो माओ त्से तुंग और मार्क्स की विचारधारा से पोषित होती है l ...जिसमे इन्हें यह सिखाया जाता है कि भारत कोई देश नही है l
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बंगाल, कर्णाटक, गुजरात, राजस्थान आन्ध्र प्रदेश ओडिशा आदि ये सब कोई सम्पूर्ण राज्य नही हैं ...
वामपंथी विचारधारा .... भा
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बंगाल, कर्णाटक, गुजरात, राजस्थान आन्ध्र प्रदेश ओडिशा आदि ये सब कोई सम्पूर्ण राज्य नही हैं ...
वामपंथी विचारधारा .... भा
रत कोई देश नही है, ..... भारत का विभाजन करके 56 नये देश बनाने की शिक्षा सिखाती है l
वामपंथी विचारधारा .... जिसकी अरुंधती राय, एक किताब लिखती है....The Broken Republic.
वामपंथी विचारधारा .... धर्म जिनके लिए अफीम है l
वामपंथी विचारधारा .... जो भारतीय परम्पराओं, रीति रिवाजों को दिन प्रतिदिन पैरों तले रोंदते हैं l
वामपंथी विचारधारा .... जो अपने 33 कोटि के देवी देवताओं से कुछ न सीख पाए, परन्तु ... माओ और मार्क्स, इनके आदर्श भगवान् बनते हैं l
वामपंथी विचारधारा ....जो सम्पूर्ण भारत के मीडिया को नियंत्रित करके, सनातन विरोधी गतिविधियों को छिपा कर, समस्त हिन्दू समाज को अँधेरे में रखता है l
वामपंथी विचारधारा .... जो मुसलमानों, खालिस्तान, चीन, माओवाद, वेटिकन सहित सभी
देशद्रोहियों की समर्थक है ....भारत के सब शत्रुओं की मित्र है l वामपंथी विचारधारा .... जिसकी अरुंधती राय, एक किताब लिखती है....The Broken Republic.
वामपंथी विचारधारा .... धर्म जिनके लिए अफीम है l
वामपंथी विचारधारा .... जो भारतीय परम्पराओं, रीति रिवाजों को दिन प्रतिदिन पैरों तले रोंदते हैं l
वामपंथी विचारधारा .... जो अपने 33 कोटि के देवी देवताओं से कुछ न सीख पाए, परन्तु ... माओ और मार्क्स, इनके आदर्श भगवान् बनते हैं l
वामपंथी विचारधारा ....जो सम्पूर्ण भारत के मीडिया को नियंत्रित करके, सनातन विरोधी गतिविधियों को छिपा कर, समस्त हिन्दू समाज को अँधेरे में रखता है l
वामपंथी विचारधारा .... जो मुसलमानों, खालिस्तान, चीन, माओवाद, वेटिकन सहित सभी
भारत भूमि के वंशजो,.. देश के नकारात्मक मीडिया का सकारात्मक विकल्प : सार्थक, सटीक, मीडिया; समाचार, विचार, और संस्कार का संगम राष्ट्रीय साप्ताहिक युग दर्पण, + विविध विषयों के 25 ब्लाग YugDarpan.blogspot.com, पर, ऑरकुट, फेसबुक और ट्विट पर तिलक रेलन 9911111611,9654675533.
Page view this weak Oct 6, 2012 8:30 PM – Oct 13, 2012 7:30 PM
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया !
इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है- तिलक
इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है- तिलक
स्वतंत्रता दिवस पर 'गली गली चोर है',
स्वतंत्रता दिवस पर सभी भारतीयों को युग दर्पण परिवार की और से हार्दिक शुभकामनायें,
रक्षा बंधन के दिन; फिल्म, रेशम की डोरी http://www.youtube.com/watch?v=Kk-zbamC3Is&list=PLEE77F0A6110792A0&index=2&feature=plpp_video ,
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया !
इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है- तिलक
एक ऐसी प्रस्तुति जिस में भाई बहन के पवित्र सम्बन्ध की भावनाओं व अपनत्व को बचपन से अंत तक दर्शाता कथानक हो, कृष्ण जन्माष्टमी के दिन कृष्ण जन्म लीला के पश्चात् अब स्वतंत्रता दिवस पर कर्मा व क्रांति और वर्तमान भ्रष्टाचार के सामयिक विषय पर -'गली गली चोर है', के माध्यम जन जागरण, सभी के लिए उचित रहेगा http://www.youtube.com/watch?v=z9E0jmKKho4&list=PLEE77F0A6110792A0&index=3&feature=plpp_video
http://www.youtube.com/user/DDManoranjan/videos?view=1
रंगमंच व मनोरंजन के अन्य राग रंग से भरपूर स्वस्थ पारिवारिक कार्यक्रम, जिनमें कहीं घटियापन स्वीकार नहीं ! मनोज कुमार, राजश्री फिल्म, जैसे उच्च स्तर की पारिवारिक व रामानंद सागर की धार्मिक वृति की झलक द्वारा हम आपके ह्रदय में अपना स्थान बनाने का प्रयास करेगे! कहीं समाज हित में निशुल्क सेवा, कहीं कॉपी राइट के दबाव में मनोरंजन शुल्क, कहीं सदा के लिए dvd लेना चाहें तो उनका पता या हमारे द्वारा क्रय सुविधा देते हुए, कुछ अंश दिखाए जा सकते है ! वन्देमातरम ...तिलक.
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया !
इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है- तिलक
Sunday, July 1, 2012
कलाम ने ही सोनिया को PM बनने से रोकाः स्वामी
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विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया ! इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है- तिलक
Tuesday, June 5, 2012
भारत की चिकित्सा परिषद्
भारत की चिकित्सा परिषद् , भारत की चिकित्सा परिषद् का चिह्न चिकित्सा जगत के वर्तमान सत्य को प्रकट करता है व समझाता है कि आगे कुआँ पीछे खाई की कहावत पुरानी हो गई, रोगी को दो विषैले सर्प लिपटे हैं कि चिकित्सा नहीं करने से रोग प्राण लेगा और करने से चिकित्सा व्यय! चिह्न के ऊपर के पंख आपके चिकित्सा व्यय को आकाश की ऊंचाई तक ले जाये! इस चिह्न का पेच यही है कि पेच की भांति पैना अग्र भाग एक बार अपना स्थान बना कर घुसते, आकार व स्थान बढ़ाते चले जाओ !
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया ! इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है- तिलक
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