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समाज के उच्च आदर्श, मान्यताएं, नैतिक मूल्य और परम्पराएँ कहीं लुप्त होती जा रही हैं। विश्व गुरु रहा वो भारत इंडिया के पीछे कहीं खो गया है। ढून्ढ कर लाने वाले को पुरुस्कार कुबेर का राज्य। (निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/ अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें, संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 9999777358.

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बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Wednesday, August 29, 2012

मेले कई प्रकार के होते है:

मेले कई प्रकार के होते है: जीवन के मेले में ख़ुशी और गम, कभी मिलते हैं सनम कभी सितम,...
Photo: **परिवर्तन-  नियम *****
भ्रस्टाचार ना कभी पैदा हुआ ना कभी ख़त्म हुआ
परिवर्तन है इसका आधार फिर भी पाता सबका प्यार
हर युग में बदला इसका रूप है कहीं छांव तो कहीं धूप है
हर पल एक नया स्वरुप है हर पल यह वक्त के अनुरूप है
आम आदमी अपने पेट के साथ जल जाता है, मर जाता है
यह है भ्रस्टाचार का परिवर्तन, नियम आजीवन नियम चराचर नियम !!----------
 
इसने बदली उसने बदली,जिसकी सत्ता उसने बदली
पाया जिसने सबने बदली ,मन तो बस धन की पगली
कलयुग में बन मर्यादा की चरणपादुका घर - घर पूजा जाता है
जो भ्रस्टाचारी हो मसीहा बन जाता है, इन्सान तो अक्सर छल जाता है
भ्रस्टाचार की आग में अपने पेट के साथ जल जाता है मर जाता है
यह है भ्रस्टाचार का परिवर्तन नियम आजीवन नियम चराचर नियम !!----------
 
आचरण -सभ्यता - परम्परा सबकी आत्मा मार चूका है
भ्रस्टाचार पूर्ण रूप से छा चूका है आ चूका है
बहुत कठिन अब लडाई है जन -जन में इसने आग लगायी है
हर कोई बनता अब भ्रस्टाचार का भाई है ना कोई बहन या भाई है
भ्रस्टाचार की आंधी आई है लड़नी हमें हर लडाई है
भ्रस्टाचार की आग में अपने पेट के साथ जल जाता है मर जाता है
यह है भ्रस्टाचार का परिवर्तन नियम आजीवन नियम चराचर नियम !!----------
 
कलम ही कर सकता है इसका सर कलम, जब मिले कलम से कलम
मत खाओ अपने हालत पे रहम, लड़नी तुम्हे लडाई है
भ्रस्टाचार की आंधी आई है, लड़नी हमें हर लडाई है
योगी मन हर प्राणी अब घायल है, भ्रस्टाचार से पागल है
उठो जागो और लड़ो लडाई , भ्रस्टाचार की आंधी आई है !
भ्रस्टाचार की आग में अपने पेट के साथ जल जाता है मर जाता है
यह है भ्रस्टाचार का परिवर्तन नियम, आजीवन नियम चराचर नियम !!----------
 
यह कविता क्यों ? परिवर्तन के साथ आप इतना ना बदल जाये की वक़्त आने पर खुद को भी परिवर्तित ना कर पायें बचिए और बचाइए अपने आप को और सबको भ्रस्टाचार के नियम से !
जय भारत अरविन्द योगी
 देश में भी कई प्रकार के मेले लगते हैं, कई प्रकार का सामान बिकता है जिसे हम खरीद कर ले जाते हैं अपने घर,.. कभी धार्मिक सांस्कृतिक मेले लगते हैं कभी व्यावसायिक मेले लगते हैं , कोई आवश्यक वस्तुओं का मेला तो  कभी सजावट की वस्तुओं का मेला......
 किन्तु वो मेले याद रखने के लिए नहीं होते, यादगार मेले 2 ही हैं एक आज़ादी से पहले लगा था शहीदों का, एक अब लगा है गद्दारों और लुटेरों का !.....
 वतन पे मिटने वालों को शासन थमाया जो होता, राष्ट्र भक्तों को दिल में बसाया होता; तो ऐसा दिन कभी आया न होता, गद्दारों का मेला यूँ सजाया न होता ! .....वन्देमातरम
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया !
इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है- तिलक

Tuesday, August 14, 2012

शर्म निरपेक्ष मीडिया और विकल्प

शर्म निरपेक्ष मीडिया और विकल्प 




वन्देमातरम, कई बार 
विपरीत वातावरण से इतने हताश होकर सोचते है, कि क्या इसका कोई विकल्प नहीं ? किन्तु हल इतना पास होता है और हम देख नहीं पाते, जैसे बगल में छोरा शहर में ढिंढोरा ? सोच कर देखें, यदि कार्टूनिस्ट असीम एक कम्युनिस्ट न होते.... तो क्या राष्ट्रीय मीडिया, इतनी हाय-तौबा मचाता ?
कार्टूनिस्ट असीम के साथ जो हुआ, वो अन्यायपूर्ण है... परन्तु प्रश्न ये है, कि जीवन पर्यन्त देशद्रोह और राष्ट्र-विभाजन की नीतियों पर चलने की शिक्षा पाने और प्रचार करने वाले ये लोग, गिरफ्तारी के समय मीडिया के सामने, देशप्रेमी  देशभक्त कैसे बन जाते हैं ?
याद कीजिये बिनायक सेन को .. बिनायक सेन को भी मीडिया ने, देशभक्त बना कर ही दिखाया था l
आखिर, गिरफ्तारी के समय ही, ये सब वामपंथी, अपने आपको देशभक्त क्यों सिद्ध करते हैं .....?
मोमबत्ती ब्रिगेड की मानसिकता, तो माओ त्से तुंग और मार्क्स की विचारधारा से पोषित होती है l ...जिसमे इन्हें यह सिखाया जाता है कि भारत कोई देश नही है l
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बंगाल, कर्णाटक, गुजरात, राजस्थान आन्ध्र प्रदेश ओडिशा आदि ये सब कोई सम्पूर्ण राज्य नही हैं ...
वामपंथी विचारधारा .... भा

रत कोई देश नही है, ..... भारत का विभाजन करके 56 नये देश बनाने की शिक्षा सिखाती है l
वामपंथी विचारधारा .... जिसकी अरुंधती राय, एक किताब लिखती है....The Broken Republic.
वामपंथी विचारधारा .... धर्म जिनके लिए अफीम है l
वामपंथी विचारधारा .... जो भारतीय परम्पराओं, रीति रिवाजों को दिन प्रतिदिन पैरों तले रोंदते हैं l
वामपंथी विचारधारा .... जो अपने 33 कोटि के देवी देवताओं से कुछ न सीख पाए, परन्तु ... माओ और मार्क्स, इनके आदर्श भगवान् बनते हैं l
वामपंथी विचारधारा ....जो सम्पूर्ण भारत के मीडिया को नियंत्रित करके, सनातन विरोधी गतिविधियों को छिपा कर, समस्त हिन्दू समाज को अँधेरे में रखता है l
वामपंथी विचारधारा .... जो  मुसलमानों, खालिस्तान, चीन, माओवाद, वेटिकन सहित सभी 
देशद्रोहियों की समर्थक है ....भारत के सब शत्रुओं की मित्र है l 
भारत भूमि के वंशजो,.. देश के नकारात्मक मीडिया का सकारात्मक विकल्प : सार्थक, सटीक, मीडिया; समाचार, विचार, और संस्कार का संगम राष्ट्रीय साप्ताहिक युग दर्पण, + विविध  विषयों  के  25 ब्लाग YugDarpan.blogspot.com, पर, ऑरकुट, फेसबुक और ट्विट पर  तिलक  रेलन  9911111611,9654675533. 

Page view this weak  Oct 6, 2012 8:30 PM – Oct 13, 2012 7:30 PM

विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया !
इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है- तिलक

स्वतंत्रता दिवस पर 'गली गली चोर है',

स्वतंत्रता दिवस पर सभी भारतीयों को युग दर्पण परिवार की और से हार्दिक शुभकामनायें, 
 रक्षा बंधन के दिन; फिल्म, रेशम की डोरी  http://www.youtube.com/watch?v=Kk-zbamC3Is&list=PLEE77F0A6110792A0&index=2&feature=plpp_video , 
एक ऐसी प्रस्तुति जिस में भाई बहन के पवित्र सम्बन्ध की भावनाओं व अपनत्व को बचपन से अंत तक दर्शाता कथानक हो, कृष्ण जन्माष्टमी के दिन कृष्ण जन्म लीला के पश्चात् अब स्वतंत्रता दिवस पर कर्मा व क्रांति और वर्तमान भ्रष्टाचार के सामयिक विषय पर -'गली गली चोर है', के माध्यम जन जागरण, सभी के लिए उचित रहेगा   http://www.youtube.com/watch?v=z9E0jmKKho4&list=PLEE77F0A6110792A0&index=3&feature=plpp_video
रंगमंच व मनोरंजन के अन्य राग रंग से भरपूर स्वस्थ पारिवारिक कार्यक्रम, जिनमें कहीं घटियापन स्वीकार नहीं ! मनोज कुमार, राजश्री फिल्म, जैसे उच्च स्तर की पारिवारिक व रामानंद सागर की धार्मिक वृति की झलक द्वारा हम आपके ह्रदय में अपना स्थान बनाने का प्रयास करेगे! कहीं समाज हित में निशुल्क सेवा, कहीं कॉपी राइट के दबाव में मनोरंजन शुल्क, कहीं सदा के लिए dvd लेना चाहें तो उनका पता या हमारे द्वारा क्रय सुविधा देते हुए, कुछ अंश दिखाए जा सकते है ! वन्देमातरम ...तिलक. 
http://www.youtube.com/user/DDManoranjan/videos?view=1
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया !
इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है- तिलक

Sunday, July 1, 2012

कलाम ने ही सोनिया को PM बनने से रोकाः स्वामी



कलाम ने ही सोनिया को PM बनने से रोकाः स्वामी






subramanian-swamy
नई दिल्ली।। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की पुस्तक में कथित रूप से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के 2004 में प्रधानमंत्री पद ठुकराने के खुलासे पर जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रश्न उठाया है।
स्वामी के अनुसार कलाम ने सोनिया गांधी के प्र.मं. बनने पर आपत्ति जतायी थी। उन्होंने 17 मई 2004 को सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था। उन्होंने कलाम से उस पत्र को सार्वजनिक करने को कहा है।
'न्यूज़ बेवसाइट फर्स्ट पोस्ट डॉट कॉम, http://www.firstpost.com/videos/kalam-not-being-truthful-on-sonia-as-pm-episode-says-swamy-362557.html को दिए साक्षात्कार में स्वामी ने कहा,'कलाम को सोनिया गांधी को 17 मई 2004 को शाम साढ़े तीन बजे लिखे पत्र को सार्वजनिक करना चाहिए।'
उन्होंने कहा कि उस दिन सोनिया गांधी शाम पांच बजे सरकार बनाने का दावा करने के लिए उनसे मिलने वाली थीं। स्वामी के अनुसार, 'मैं कलाम से करीब सवा 12 बजे मिला था और उन्हें बताया था कि सोनिया गांधी के पीएम बनने में कानूनी अड़चन है। इसके बाद कलाम ने सोनिया गांधी को साढ़े तीन बजे चिट्ठी लिखी थी, जिसमें शाम को पांच बजे की मुलाकात रद्द करने की जानकारी दी गई थी। उन्होंने सोनिया को लिखा था कि वह इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अगले दिन उनसे मिल सकती हैं।'
स्वामी का दावा है कि जब पत्र सोनिया गांधी को मिला तो मनमोहन सिंह और नवटर सिंह वहां उपस्थित थे। उन्होंने यह चिट्ठी देखी थी। मनमोहन सिंह ने उस पत्र का एक पैरा ही सार्वजनिक रूप से पढ़ा था।
स्वामी ने कहा कि यदि कलाम उस पत्र को सार्वजनिक नहीं करते हैं, तो मैं मानूंगा कि वह इतिहास के साथ न्याय नहीं कर रहे हैं। स्वामी ने इस पर भी प्रश्न उठाया कि कलाम अब यह मुद्दा क्यों उठा रहे हैं?
कलाम ने अपनी आने वाली पुस्तक 'टर्निंग पॉइंट' में लिखा है कि 18 मई 2004 को जब सोनिया गांधी उनसे मिलने पहुंचीं तो उनके नाम की चिट्ठी तैयार थी, लेकिन उन्होंने (सोनिया ने) मनमोहन सिंह का नाम आगे कर दिया।
युग दर्पण की यह मान्यता है यदि सुब्रमण्यम कि बात सही है तथा यह एक अधूरा सत्य है और सोनिया द्वारा मनमोहन का नाम प्रस्तावित किये जाने के वास्तविक सत्य को पहले भी मीडिया द्वारा तथा अब पुस्तक में छुपाया जाना किसी बड़े कुचक्र का प्रतीक है ! अब यह स्पष्ट हो गया है कि इस प्रकार सोनिया को मदर टेरेसा के रूप में प्रतिष्ठित कर, यह भ्रष्टाचारी पापियों के पाप धोने व इस देश को खोखला करने की एक चाल है !
देश को ऐसे कुचक्रों से बचाने हेतु यह स्पष्ट किया जाना आवश्यक है कि यह सब पहले भी तथा अब भी किस दबाव में किया जा रहा है ?कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के 

विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया ! इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है- तिलक

Tuesday, June 5, 2012

भारत की चिकित्सा परिषद्

भारत की चिकित्सा परिषद् ,  भारत की चिकित्सा परिषद्  का चिह्न चिकित्सा जगत के वर्तमान सत्य को प्रकट करता है व समझाता है कि आगे कुआँ पीछे खाई की कहावत पुरानी हो गई, रोगी को दो विषैले सर्प लिपटे हैं कि चिकित्सा नहीं करने से रोग प्राण लेगा और करने से चिकित्सा व्यय! चिह्न के ऊपर के पंख आपके चिकित्सा व्यय को आकाश की ऊंचाई तक ले जाये! इस चिह्न का पेच यही है कि पेच की भांति पैना अग्र भाग एक बार अपना स्थान बना कर घुसते, आकार व स्थान बढ़ाते चले जाओ !
भारत की चिकित्सा परिषद् का चिह्न
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया ! इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है- तिलक

Wednesday, May 16, 2012

17, मई 2012 आज 17 वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन 
माँ, जो गर्भ से मृत्यु तक, हर पल अपने बच्चों के हर दुःख सुख की साथी, जिसकी गोद हर पीड़ा का हरण करती है। बचपन ही नहीं वृद्धावस्था व् जीवन के अंत तक हर पल जब भी तुझे स्मरण करता हूँ भाव विहल हो जाता हूँ। माँ, तेरी याद बहुत आती है, ....माँ, तेरी याद बहुत आती है।
माँ, इन 2 वर्षों में दामाद और बहु भी हो गए हैं शीघ्र ही अगली पीडी भी हो जाएगी। दामाद- सिद्धार्थ है, तथा बहू शालिमा है। तिलक- संपादक युग दर्पण मीडिया समूह, 9911111611, 9654675533.
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया !
इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है- तिलक

Tuesday, May 8, 2012

वैचारिक क्रांति द्वारा व्यापक परिवर्तन का शंखनाद 
वन्दे मातरम, 
व्यावसायिक पत्रकारिता सौम्य सार्थक नहीं रही;
सूचनाएं मूल्यजनक बनी मूल्यपरक नहीं रहीं;
समाज, व्यवस्था, जीवन शैली स्वस्थ नहीं रहे;
कपटपूर्ण प्रदर्शन ही है, मन की पवित्रता नहीं रही;
सुधार समर्पित पत्रकारिता हमारा पवित्र मिशन है !..

मित्रों, युग दर्पण मीडिया समूह द्वारा विविध विषयों के 25 ब्लाग, आर्कुट, फेसबुक, व उन पर समुदाय व समूहों तथा ट्विटर के अतिरिक्त 4 यूसर चैनलों का अंतर ताने पर महाजाल ! आपको आमंत्रित करता है:- वैचारिक क्रांति द्वारा आओ हम सब मिलकर मा. जय प्रकाश नारायण की कल्पना का व्यापक परिवर्तन करते भारत को सशक्त,समर्थ व स्वावलंबी तथा संपन्न बनायें ! जय भारत. 
-तिलक, संपादक युग दर्पण मिडिया समूह, .. 
9911111611, 9654675533. website:- www. yugdarpan.co.cc 


पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है-युगदर्पण
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया !
इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है- तिलक