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समाज के उच्च आदर्श, मान्यताएं, नैतिक मूल्य और परम्पराएँ कहीं लुप्त होती जा रही हैं। विश्व गुरु रहा वो भारत इंडिया के पीछे कहीं खो गया है। ढून्ढ कर लाने वाले को पुरुस्कार कुबेर का राज्य। (निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/ अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें, संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 9999777358.

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बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Sunday, December 21, 2014

समाज शिक्षा युवा, चेतना का दर्पण,

समाज शिक्षा युवा, चेतना दर्पण,
आज समान शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश परीक्षाओं में ‘नकल की संस्कृति’ के लिये सरकारें ही नहीं, बल्कि समाज भी दोषी है। सरकारों ने जिस तरह से दायित्व निभाना चाहिये था, वह निर्वहन नहीं किया। यदि किया होता तो सबको समान और सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल जाती।यदि हम आधारिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा को मौलिक शिक्षा का सम्बल दें, तो परिणाम में बहुत सुधार होंगे। विगत में मौलिक शिक्षा को भारतीय शिक्षा के नाते सांप्रदायिक मान उपेक्षित करने से शिक्षा का स्तर और उद्देश्य दोनों में नकारात्मकता बड़ी, अब नए चिंतन एवं शिक्षा का परिदृश्य बदल जाएगा।’’ 
सभी नौकरियों के लिये कराई जाने वाली परीक्षा में उत्तीर्ण होना तथा नौकरियाँ पाना ही एकमात्र लक्ष्य रह गया है। शिक्षा और समय पर रोजगार में असफलता युवाओं को अवसाद या अपराध की और धकेलती है। आज देश में शिक्षा, जिन बच्चों की प्रेरणा और आवश्यकता नहीं बन पाती, समाज के शत्रुओं ने उन्हें व्यसनों से जोड़ दिया, जो दोहरा आघात है। 
हम युवाओं की उर्जा को सही समय पर हम उपयोग नहीं कर पाते हैं। दूसरा वे घर समाज के लिए बोझ बन जाते है। शरीर रोगवान हो कर, चिकित्सा व्यय, समय, ऊर्जा, क्षमता, धन, सर्व विनाश का विकराल रूप, यह हमारी विगत की सरकारों ने, रोकने में नहीं, बढ़ाने वालों का साथ दिया। अभी मात्र सत्ता बदली है, "देश की व्यवस्था और इसे नियंत्रित करने वाला, संविधान और समाज की सोच" बदलना आवश्यक है, तभी वांच्छित परिणाम की अपेक्षा कर सकते हैं। 
उपरोक्त चिंतन, हमारे ब्लॉग समाजदर्पण, शिक्षा  दर्पण, युवा दर्पण, चेतना दर्पण, में 2010 से दिया जा रहा है। YDMS के विविध 30 ब्लॉग का विस्तार 70 देशों तक है। समाजशिक्षायुवाव्यसनों से चेतना, के प्रति जागृति का निरंतर अलख YDMS 

उत्तिष्ठत अर्जुन, उत्तिष्ठत जाग्रत ! 

नकारात्मक मीडिया के भ्रम के जाल को तोड़, सकारात्मक ज्ञान का प्रकाश फैलाये। 

समाज, विश्व कल्याणार्थ देश की जड़ों से जुड़ें, युगदर्पण मीडिया समूह के संग।। YDMS

      जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे, 
तब पायें - नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प- 
युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. 
हिंदी साप्ताहिक राष्ट्रीय समाचार पत्र, 2001 से
पंजी सं RNI DelHin11786/2001(सोशल मीडिया में
     विविध विषयों के 30 ब्लाग, 5 नेट चेनल  अन्य सूत्र) की

        60 से अधिक देशों में एक वैश्विक पहचान। -YDMS  07531949051

স্বদেশ প্রত্যাবর্তন, ફર્યાનો, ಮರಳುತ್ತಿರುವ, தாயகம் திரும்பும், హోమ్కమింగ్, ഘര് വപ്സി, ਪਲੀਤੀ, گھر واپسی 
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक

Tuesday, December 9, 2014

शर्मनिरपेक्षो 'कुछ तो शर्म करो' !

शर्मनिरपेक्षो 'कुछ तो शर्म करो' !
वन्देमातरम, हर भारतीय अवश्य पढ़े,
सबको शेयर अवश्य करें; Share All
उनकी घर वापसी, इनकी पीड़ा;
जब वो घर छोड़ गए, ये चुप रहे ?
उनकी घर वापसी का, हंगामा कर डाला ?
अपने होते तो अपनाते; गैर हैं जो छुटकारा पाते।
कौन मित्र -कौन शत्रु, अँधेरा दूर कर डाला।


तुम संरक्षक थे, मुसलमानों के नहीं, आतंकियों के;
मूसल इमान वाले; इनके समीप हो गए।
हिन्दुओं को सांप्रदायिक कहकर, आतंकियों का समर्थन किया;
तुम तो वोट बैंक मानते रहे, किन्तु इन्होने गले लगा लिया।
तुम्हारा खेल सारा, हम अब समझ गए;
तुम्हे कष्ट है कि हम, घर वापिस क्यों आ गए ?
-तिलक YDMS 7531949051.

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Friday, December 5, 2014

भगवा दिवस 6 दिस का औचित्य

भगवा दिवस 6 दिस का औचित्य
भूमिका आइये सर्वप्रथम रामजन्म भूमि का संक्षिप इतिहास जान लेते हैं। फिर इस पर 30 वर्ष की बकवास बाबरी और 6 दिस भगवा दिवस का औचित्य जानना समझना सरल होगा। जीवन में हम को कई बार घर बदलना पड़ता है किन्तु सारा विवरण नहीं केवल जन्म स्थल महत्वपूर्ण होता है। जन्म प्रमाण पात्र में जो स्थान लिखा है, उसे बदलना तो परिचय ही बदल देना हुआ।
मंदिरों को ध्वस्त कर बनाई गई, भारत की सभी मस्जिद का नहीं मुख्य 3000 में से मात्र 3 पर मुस्लिम सहमत हो जाते तो सौहार्द स्थापित हो सकता था।
किन्तु जिन्हे सौहार्द नहीं तुष्टिकरण चाहिए था, वे धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिन्दू (छद्म) होकर भी हिन्दुओं को चोट पहुंचाते रहे। जिस खंडहर के लिए, वे हमें दावा छोड़ने की बात कहते रहे, वहां 45 वर्ष में कभी नमाज़ नहीं पढ़ी गई थी। फिर भी राम की जन्म स्थली अर्थात परिचय बदलने का दबाव हम पर बनाया गया। जबकि बाबरी निर्माण में हमारे सम्मान को कुचलने का भाव था, किन्तु उसे त्यागना न्यायपूर्ण तथा सौहार्द स्थापित करने हेतु आवश्यक था, नहीं किया गया। खंडहर के स्तम्भ या चोखट पर कहीं फूल पत्ती नहीं हिन्दू चिन्ह व मूर्ति उकेरी होना प्रमाण है मंदिर को ध्वस्त कर उसके अवशेष जोड़कर खड़ा किये बाबरी ढाँचे को मस्जिद या मुस्लिम पूजा स्थल नहीं कहा जा सकता था। मंदिर पुनरुत्थान का लम्बा आन्दोलन तथा बलिदान की श्रृंखला है।
हिन्दू मानमर्दन कलंक चिन्ह को मिटाकर भगवा का प्रथम संकेत 22 वर्ष पूर्व मिला था। किन्तु शर्मनिरपेक्ष उसे साकार नहीं होने दे रहे थे। आंदोलन के समय मंदिर कहीं और बनाने की बात करते रहे, ढांचा ध्वस्त होने पर उसे फिरसे बनाने अथवा उस विवादित स्थल पर विद्यालय, चिकित्सालय आदि कई विकल्प, केवल मंदिर को रोकने के लिए रखे गए। हाशिम अंसारी, मुस्लिम महिला फाउंडेशन, अयोध्या में राम मंदिर बनाने की पहल में साथ देने के  प्रयास तो उन शर्मनिरपेक्षों को कभी स्वीकार या सहन नहीं होते ? अब धुंध छंट रही है। सौहार्द स्थापित करने के हाशिम अंसारी, मुस्लिम महिला फाउंडेशन के इन प्रयासों के लिए, युगदर्पण परिवार की ओर से, इनका धन्यवाद तथा समस्त हिन्दुओं को बधाई एवं हार्दिक शुभकामनायें। 
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक

Thursday, November 20, 2014

50 लाख अवैध प्रवासियों को वैधता :ओबामा


50 लाख अवैध प्रवासियों को वैधता :ओबामा 
ओबामा ने देश में रह रहे 50 लाख से अधिक अवैध प्रवासियों को वैधता उपलब्ध करवाने के क्रम में अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए कई प्रशासनिक सुधारों की घोषणा की। 
ये है मोदी का चमत्कार 

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अन्यत्र, हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत, को प्रभावित करने वाली
 जानकारी का दर्पण है: विश्वदर्पण | आओ, मिलकर इसे बनायें; -तिलक
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Tuesday, November 18, 2014

नरेंद्र मोदी, अमित शाह शीर्ष वैश्विक चिंतक

नरेंद्र मोदी, अमित शाह शीर्ष वैश्विक चिंतक 

अमेरिकी पत्रिका: 'फॉरेन पॉलिसी' ने '100 वैश्विक चिंतकों' की छठी वार्षिक सूची जारी की है, जिसके तहत 'निर्णय लेने वालों' की श्रेणी में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शीर्ष स्थान दिया गया है, और उनके बाद जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का स्थान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता में उत्तरोत्तर वृद्धि। गत 6 माह में उन्होंने 7 बड़े विदेश प्रवास किए और हर स्थान पर लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहें। अब लोकप्रिय वैश्विक नेता होंगे। 
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
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झारखंड, कश्मीर में इस बार, भाजपा सरकार, भाजपा सरकार

कश्मीर में इस बार, भाजपा सरकार : 

मीरवाइज उमर फारूक भी रहे स्वीकार 

Image result for j&k mapयुदस अलगाववादी नेताओं को भी लगने लगा है कि यदि जम्मू-कश्मीर में सशक्त होकर उभर रही, भाजपा की सरकार बनती है, तो इसमें आश्चर्य की बात नहीं है। हुर्रियत नेता मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ ने भी इसे, एक सशक्त विकल्प के रूप में स्वीकारा है। 
जम्मू−कश्मीर के घाटी और पहाड़ अथवा झारखंड के पठार : इस बार भाजपा सरकार 
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक

Monday, November 17, 2014

राष्ट्र पुनर्जागरण मन्त्र

राष्ट्र पुनर्जागरण मन्त्र 
वन्देमातरम, उत्तिष्ठत जागृत भारत:, सत्य को जाने। आदर्श, नैतिक मूल्य, 
जो समाज अपने आदर्श/इतिहास को विस्मृत कर, छद्म मुखौटे स्वीकारने लगे, उसका पतन सुनिश्चित है। धर्मनिरपेक्षता के नाम हुई यही भूल, परिभाषाएं व सोच विकृत कर, हमारी दुर्दशा का प्रमुख कारण बनी। आदिकाल से ही वो अपने जिन उच्च आध्यात्मिक,सामाजिक और नैतिक मूल्यों को लेकर चला, आओ देश की उन जड़ों से जुड़ें,  युगदर्पण के संग। आत्म गौरव जगा, भारत पुनः विश्व गुरु की प्रतिष्ठा पाये। तिलक, युगदर्पण मीडिया समूह YDMS 7531949051
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक