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समाज के उच्च आदर्श, मान्यताएं, नैतिक मूल्य और परम्पराएँ कहीं लुप्त होती जा रही हैं। विश्व गुरु रहा वो भारत इंडिया के पीछे कहीं खो गया है। ढून्ढ कर लाने वाले को पुरुस्कार कुबेर का राज्य। (निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/ अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें, संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 9999777358.

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बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Tuesday, August 5, 2014

सरकार और प्रभाव

सरकार और प्रभाव 
विश्व बैंक में कार्य कर चुके 'ममोसिं' की सरकार विश्व बैंक से ऋण मांगती थी तो मना किया जा रहा था किन्तु मोदी की सरकार को विश्व बैंक स्वयं ऋण देने को उत्सुक है; क्यों?
वह सरकार 6 माह का ब्याज नहीं दे रही थी, आज 2 माह का अग्रिम ब्याज दे चुके हैं। 
उनके शासन में हिंदी व हिन्दुओं का तिरस्कार होता था, अब सम्मान दिया जाता है। 
वे ज्यारत पर चद्दर चढ़ा रोज़ा खोल नेता देश के लुटेरे थे, यह भारत माँ का सेवक बन तथा संसद का सम्मान मंदिर सा और हिन्दू मंदिरों को सम्मान के नए युग का सूत्रपात करने वाला है। प्राकृतिक आपदा से निपटना तथा उसमे भी स्थिति नियंत्रण के अद्भुत कौशल से युक्त नेतृत्व में आशा के बीच निराशा फैलाकर, असंतोष अव्यवस्था का कुचक्र करना राष्ट्र द्रोह है। 
भ्रम फ़ैलाने के ऐसे कुचक्र में पारम्परिक नकारात्मक बिकाऊ मीडिया की भूमिका शर्मनिरपेक्षता पूर्ण है।
अच्छे दिनों का क्या कहना अब वो तो निश्चित ही आएंगे 
और इस विश्व गुरु भारत का मान भी जग भर में बढ़ाएंगे। 
यह देश, धर्म, समाज और भाषा अब न तिरस्कृत होने देंगे! 
देश की जड़ों से जुड़के रहेंगे और युगदर्पण के साथ चलेंगे !!
সরকার ও প্রভাব, સરકાર અને અસરો, ਸਰਕਾਰ ਅਤੇ ਪਰਭਾਵ, حکومت اور اثرات सरकार आणि प्रभाव, ಸರ್ಕಾರ ಮತ್ತು ಪರಿಣಾಮಗಳು, அரசு மற்றும் விளைவுகள்,  ప్రభుత్వం మరియు ప్రభావాలు, सरकार र प्रभावहरु, Government and Effects
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
 योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक

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