इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक
Saturday, May 17, 2014
17, मई 2014 आज 19 वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन
17, मई 2014 आज 19 वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन
19 वीं पुण्यतिथि वैशाख कृ तृतीया शनिवार 17 मई 2014
माँ, जो गर्भ से मृत्यु तक, हर पल अपने बच्चों के हर दुःख सुख की साथी, जिसकी गोद हर पीड़ा का हरण करती है। माँ तो बस माँ होती है, बच्चों में उसकी जाँ होती है। बचपन ही नहीं वृद्धावस्था व् जीवन के अंत तक हर पल जब भी तुझे स्मरण करता हूँ भाव विहल हो जाता हूँ। माँ, तेरी याद बहुत आती है, .... अब मेरे दामाद सिद्धार्थ, बहु शालिमा व एक नन्हा नाती अद्विक भी हैं; पर माँ, तेरी याद बहुत आती है।। तिलक- संपादक युग दर्पण मीडिया समूह, 9911111611, 9910774607, 7531949051,
विश्वगुरु रहा वो भारत,
इंडिया के पीछे कहीं खो गया |इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक
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