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समाज के उच्च आदर्श, मान्यताएं, नैतिक मूल्य और परम्पराएँ कहीं लुप्त होती जा रही हैं। विश्व गुरु रहा वो भारत इंडिया के पीछे कहीं खो गया है। ढून्ढ कर लाने वाले को पुरुस्कार कुबेर का राज्य। (निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/ अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें, संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 9999777358.

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बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Sunday, September 11, 2011

सांप्रदायिक हिंसा विधेयक पर विवाद

सांप्रदायिक हिंसा विधेयक पर विवाद
गुजरात हिंसा (फ़ाईल)
सांप्रदायिक बिल पर गुजरात दंगों से उठे सवालों की छाप साफ़ है
सांप्रदायिक हिंसा की रोकथाम के नाम से बनाए गए बिल पर जहाँ विभिन्न दलों में सहमति नहीं बन पा रही है, गृह सचिव आरके सिंह ने कहा है बिल को विभिन्न विभागों और राज्यों से चर्चा के बाद ही इसे संसद में प्रस्तुत किया जाएगा.
एक तरफ़ जहाँ एनडीए-प्रशासित दलों और दूसरी सरकारों ने बिल के प्रारूप पर चिंता प्रकट की है, जानकारी के अनुसार यूपीए सदस्य तृणमूल ने भी इसे घातक कानून बताया है जिससे देश के संघीय ढाँचे को क्षति पहुँचेगी.
शनिवार से शुरू हुई राष्ट्रीय एकीकरण परिषद की बैठक में राजग(एनडीए) -शासित प्रदेशों ने प्रस्ताव के वर्तमान प्रारूप पर चिंता प्रकट की. तमिलनाडु मुख्यमंत्री जयललिता ने कहा कि इस बिल से राज्यों के अधिकारों पर असर पड़ेगा
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने इसे सांप्रदायिकता बढ़ाने वाला बताया, जबकि तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी ने भी बिल का विरोध किया. उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री की ओर से कहा गया कि उन्हें बिल की प्रति नहीं भेजी गई है इसलिए वो इस पर कुछ नहीं कहेंगी. 
गृह सचिव आरके सिंह के अनुसार प्रधानमंत्री की ओर से कहा गया कि उन्होंने सभी चिंताओं को नोट कर लिया है और जो भी बिल लाया जाएगा वो संविधान के अनुसार होगा.

गुजरात दंगों की छाप

सोनिया गाँधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के तैयार किए गए सांप्रदायिक बिल से सपष्ट है कि मोदी पर गुजरात दंगों से शिकंजा कसने में असमर्थता का दंश है. इस परिषद में ऐसे लोग हैं जो गुजरात दंगों पर गुजरात राज्य सरकार की भूमिका की आलोचक रहे हैं.
इस प्रारूप को सुनियोजित हिंसा रोकने के नाम पर हिन्दुओं को प्रताड़ित करने के लिए तैयार किया गया है. इसमें अफ़सरों को लापरवाली के लिए दंड का प्रावधान है. इसमें राज्य और केंद्र के स्तर पर विशेष एजेंसी बनाने का प्रावधान है जो प्रशासन को अपने इशारे पर नचा सके
इस प्रारूप में सांप्रदायिक हिंसा को ऐसी हिंसा बताया गया है जो राष्ट्र के धर्मनिर्पेक्ष ढाँचे को क्षति पहुँचाए. आलोचकों को अनुसार सांप्रदायिक हिंसा की ऐसी अस्पष्ट परिभाषा निर्धारित करना अनुचित व राष्ट्रघाती है.
क्योंकि यह साम्प्रदायिक तनाव को नियंत्रित करने के बजाय उसे केवल भड़काएगा। स्वराज ने कहा कि यह विधेयक देश को बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक में बांटता है।
इस बिल के विरोधियों के अनुसार सबसे अधिक चिंता प्रारूप में इस बात के कहे जाने पर है कि यदि केंद्र चाहे तो राज्य के कामकाज हस्तक्षेप कर सकती है. उनका मानना है कि कानून व्यवस्था राज्य के अधिकारों के अंतर्गत आते हैं, और ऐसे में केंद्र के हस्तक्षेप की बात पर राज्यों में चिंता है विशेषकर पूर्व में जिस तरह केंद्र सरकारें राज्यों के कामकाम में अनैतिक हस्तक्षेप करते रहे हैं.
कई लोगों को प्रारूप से एक और चिंता इस बात पर है कि प्रारूप में सांप्रदायिक हंगामें के लिए बहुसंख्यक समाज को आरोपित कर धार्मिक या भाषाई रूप से अल्पसंख्यक लोग उसका शिकार बताये गए, जो वास्तविकता के परे, व भ्रामक है! आलोचकों के अनुसार ये मान कर चलना कि बहुसंख्यक समुदाय के लोग ही हिंसा करेंगें या फैलाएंगे, ये गलत औऱ आपत्तिजनक सोच है! 
इस प्रारूप से केंद्र सरकार सोच सपष्ट है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस और गुजरात दंगों जैसे मामलों में कैसे हिंदुत्ववादी शक्तिओं को कलंकित व दण्डित कर अपने मार्ग को निष्कंटक किया जाए

विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया !
इंडिया से भारत बनकर ही विश्व गुरु बन सकता है- तिलक

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